राजनांदगांव

शासन की योजना बन रही सामाजिक परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम
01-Jul-2021 7:11 PM
शासन की योजना बन रही सामाजिक परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम

समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से बन रहीं मजबूत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 1 जुलाई। ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना सामाजिक परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम बन रही है। महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं न केवल वर्मी कम्पोस्ट बना रही हैं, बल्कि सुघ्घर बाड़ी से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती की कदम बढ़ा रही है।

 छुरिया विकासखंड के ग्राम मासूल के जय मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने एक एकड़ में चारागाह विकसित किया है और मक्के की चारा फसल लगाई है। जिससे गौठान के पशुओं को चारा उपलब्ध किया जा रहा है। खेत-खलिहान में चराई के नुकसान से बचाने चारागाह का विकास किया जा रहा है। शासन की सोच के अनुरूप गौठान अब मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। इदिरा स्वसहायता समूह द्वारा 190 क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा चुका है तथा 200 क्ंिवटल बीज उत्पादन किया गया है। मासूल की बाड़ी में समूह की महिलाएं ने भिंडी, अदरक, हल्दी, करेला, बरबटी, लौकी जैसी फसल ले रही हैं, जिससे उन्हें आमदनी हो रही है।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने गौठान को रूरल इंडिस्ट्रयल पार्क के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं तथा वहां समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित करने के लिए कहा है। इसी कड़ी में मासूल गौठान में समूह की महिलाओं को मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, पशुचारा उत्पादन जैसे गतिविधियों से जोड़ा गया है। गांव के बाड़ी विकास के उद्यान अधिकारी भारत कोमर, पशुपालन विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा एवं सचिव नरसिंग साहू, मत्स्य विभाग के संदीप साहू गौठान को आदर्श गौठान बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।

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