राजनांदगांव

व्यक्ति को अपनी जड़ें कभी नहीं भूलना चाहिए- कोठारी
03-Jul-2021 6:07 PM
व्यक्ति को अपनी जड़ें कभी नहीं भूलना चाहिए- कोठारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 3 जुलाई।
युगांतर पब्लिक स्कूल के 25वें  स्थापना दिवस (रजत जयंती वर्ष) को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते गत् दिनों मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य, युगांतर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशनंस के अध्यक्ष सुशील कोठारी, विद्यालय के नए चेयरमैन सुरेश अग्रवाल, प्रबंध समिति के निदेशक अजय सिंगी, पारस अग्रवाल, विनय डड्ढा, मिश्रीलाल गोलछा, नरेन्द्र जैन, डॉ. मोहन पारख, राजकुमार अग्रवाल, सरस्वती भंसाली, युगांतर इंजीनियरिंग के निदेशक कांकरिया, छत्तीसगढ़ डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर सुनील बरडिया, एकेडमिक हेड शैलजा एम. नायर उपस्थित रहे। इनके अलावा सागर गुप्ता, जीतेन्द्र भंसाली, डॉ. पदमा पारख, डॉ. तिवारी की उपस्थिति से रजत जयंती वर्ष यादगार बन गया।

विद्यालय के प्राचार्य ने स्वागत भाषण में कहा कि यह मेरे लिए बहुत हर्ष से भरा हुआ क्षण है। उन्होंने छात्रावास निर्माण के दौरान हुई पुरानी बातों को याद किया। उन्होंने यह कामना कि युगांतर भविष्य में आने वाला स्वर्ण जयंती और हीरक जयंती वर्ष भी धूमधाम से मनाएगा।  विद्यालय के चेयरमैन सुरेश अग्रवाल ने कहा कि मुझे रजंती वर्ष मनाते हर्ष का अनुभव हो रहा है। युगांतर के संघर्ष की कहानी यादगार है। उन्होंने कोरोना महामारी की चुनौतियों को मिलजुल कर सामना करने का आव्हान किया। उन्होंने यह कामना कि मुझमें कुछ तलाशे नहीं, बल्कि मुझे तराशने का कार्य करें। उन्होंने विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने पालकों का हृदय से आभार व्यक्त करते कहा कि विद्यालय के 25 वर्ष में प्रवेश होना उनके अगाध विश्वास एवं सहयोग से संभव हुआ है। 

युगांतर ग्रुप ऑफ  इंस्टीटयूशनंस के अध्यक्ष सुशील कोठारी ने कहा कि कुछ अच्छा करने की इच्छा के कारण पूर्व संपादक स्वर्गीय शरद कोठारी ने विद्यालय का नाम युगांतर रखा। उन्होंने विद्यालय निर्माण के पुराने दिनों को याद करते कहा कि व्यक्ति को अपनी जड़ें कभी भी नहीं भूलना चाहिए।

 विद्यालय निर्माण में मजदूर से लेकर प्राचार्य, प्रबंधक, निदेशकगण तक बिना कोई भेद किए अपना अहम योगदान दिया था। इन क्षणों में युगांतर परिवार के अहम सदस्य स्व. गौतम भंसाली, स्व. संजय गुप्ता, स्व.एनएल गंडेचा के अहम योगदान को भी विस्मृत नहीं किया जा सकता। उन्होंने युगांतर के प्रथम प्राचार्य पीवी राव और प्रशासक मधुसूदन नायर, उस समय से आज तक कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी विद्यालय को दिए गए योगदान के लिए याद किया।

रजत जयंती वर्ष को विद्यालय के शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत नृत्य एवं गीत ने यादगार बना दिया। सामुहिक गीत में रिमिक्स गीतों की शानदार प्रस्तुति हुई। एकल गीत में नम्रता तिवारी, प्रवीण राजन, शांतनु वैष्णव, अक्षय केहरी, गोपी पटेल की प्रस्तुतियां सराहनीय रही। एकल नृत्य में रानी चौहान की कथक नृत्य ने खूब वाहवाही बटोरी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात् विद्यालय के प्राचार्य मधुसूदन नायर को प्रभावकारी 10 वर्ष पूर्ण होने पर सम्मानित किया गया। इनके साथ कम्प्यूटर विभाग के जीतेन्द्र साहू, विद्यालय की सुपर वाइजर गीता राजपूत, कामर्स के विभागाध्यक्ष तरूण महापात्रा, कामर्स शिक्षक रतिश नायर, भावा रानी रमेश, साइंस की शिक्षिका रीता मिस्त्री, मेथ्स शिक्षिका प्रिया वर्मा, कला शिक्षक अजय चौरसिया, एसएसटी शिक्षिका मानसी दस्तीदार को भी 10 वर्ष पूर्ण होने पर सम्मानित किया गया।  इसी क्रम में विद्यालय प्रांगण में गणमान्य अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया। अंत में केक काटकर विद्यालय का जन्म दिवस मनाया गया। 

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