राजनांदगांव
विरोध से खफा जिलाध्यक्ष ने फटकार लगाते पार्टी छोडऩे को कहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जुलाई। सत्ता से बाहर भाजपा की महिला मोर्चा की जिला ईकाई में विवादित चेहरों को पद दिए जाने का खुला विरोध शुरू हो गया है। बताया जाता है कि तीन दिन पहले जिला महिला मोर्चा की नई कार्यकारिणी की घोषणा हुई। टीम के ऐलान के बाद महिला मोर्चा के एक धड़े ने कुछ नाम पर सख्त आपत्ति जताते हुए सूची में बदलाव करने की मांग की है।
बताया जाता है कि महामंत्री पद पर हुई नियुक्तियों को लेकर एक वर्ग भडक़ गया है। संगठन ने महामंत्री के रूप में पारूल जैन और देवकुमारी साहू की नियुक्ति की है। बताया जाता है कि नाराज खेमे को पारूल जैन के नाम पर सख्त ऐतराज है। गुजरे साल पारूल जैन उस वक्त सुर्खियों में आई जब उनका जिलाध्यसक्ष मधुसूदन यादव से खुलेआम तकरार हुआ। कथित रूप से पारूल पर यादव के साथ गाली-गलौज करते दुव्र्यवहार का आरोप लगा। इसके बाद संगठन ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। हालांकि निष्कासन के कुछ माह में पारूल को पार्टी में वापस लिया गया। इसी तरह दूसरी महामंत्री देवकुमारी साहू पर सरपंच रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगने से पार्टी ने उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया था। संगीन आरोप लगने के बाद अब वह भी महामंत्री बनने में कामयाब हो गई।
बताया जाता है कि उत्तर मंडल की महिला मोर्चा की अध्यक्ष मनोनीत हुई सरस्वती यादव के नाम को लेकर भी गहरी नाराजगी सामने आई है। बताया जाता है कि सरस्वती और पारूल की आपस में खूब जमती है।
इस संबंध में महिला मोर्चा अध्यक्ष किरण साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि सामूहिक रायशुमारी के बाद सूची जारी की गई है। विवाद जैसी कोई स्थिति नहीं है। बताया जाता है कि संगठन में कई सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं की खुलकर अनदेखी की गई है। वहीं जातिगत समीकरण के तहत कई वर्गो की उपेक्षा की गई है। बताया जाता है कि महिला मोर्चा की अध्यक्ष किरण साहू ओबीसी से है, ऐसे में महामंत्री जैसे वजनदार ओहदे में साहू वर्ग की देवकुमारी की नियुक्ति की गई है। इस बीच सूची में कई सक्रिय कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया है।
राजनीतिक उपेक्षा से भडक़ी महिला नेत्रियों ने विधायक प्रतिनिधि लीलाराम भोजवानी के समक्ष सूची में उचित महत्व नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। बताया जाता है कि भोजवानी से मिले कार्यकर्ताओं ने पारूल जैन समेत अन्य के नाम का खुलकर विरोध किया है। उधर जिलाध्यक्ष यादव ने नाराजगी जाहिर करने पहुंची महिला नेत्रियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने दो टूक जवाब देते कहा कि सूची में बदलाव नहीं होगा। चाहे तो सभी पार्टी छोडक़र जा सकते हैं। बताया जाता है कि पार्टी से बाहर जाने की बोल सुनकर महिला नेत्रियों का पारा चढ़ गया। माना जाता है कि सत्ता से बाहर होने की वजह भी महिला मोर्चा भी गुटबाजी के जद में है।