राजनांदगांव
ज्ञापन में वर्मी कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता पर सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 जुलाई। प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के आह्वान पर जिला किसान मोर्चा ने सोसायटियों में खाद-बीज की कमी को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान मोर्चा का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति जरूरत के मुताबिक की जा रही है, किन्तु बिचौलियों एवं निजी क्षेत्र के व्यापारियों को लाभ पहुंचाने भूपेश सरकार द्वारा सहकारी सोसायटी को लक्ष्य के हिसाब से जानबूझकर आपूर्ति नहीं की जा रही है। जिससे किसानों को मजबूरन ज्यादा दर पर उर्वरक लेना पड़ रहा है, इन्ही विसंगतियों को दूर करने भाजपा जिला किसान मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव, प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी, पूर्व सांसद प्रदीप गांधी, जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष हीरेन्द्र साहू, जिला किसान मोर्चा महामंत्री घासीराम साहू, जिला किसान मोर्चा उपाध्यक्ष दादूराम सोनकर, युवा मोर्चा अध्यक्ष मोनू बहादुर, मंडल अध्यक्ष तरूण लहरवानी, मंडल अध्यक्ष अतुल रायजादा, किशुन यदु, खिलेश्वर साहू, पुष्पा गायकवाड, रमेश चंद्राकर, संदीप साहू, अजय साहू, शत्रुहन मानिकपुरी, डोमन देशमुख, गौकरण साहू, बजरंग रजक आदि उपस्थित थे।
बताया गया कि गत् वर्ष जिले की सेवा सहकारी समितियों में अप्रैल से आज तक 63684 मीटरिक टन रासायनिक उर्वरक प्रदाय किया गया था, किन्तु इस वर्ष मात्र 41479 मीटरिक टन ही उर्वरक उपलब्ध कराए गए हैं। जिससे किसानों को दर-दर भटकना पड़ है। व्यापारियों तथा बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए 15 से 20 गुना अधिक दाम उर्वरक आबंटित किया गया है। इस तरह किसानों को मजबूरन ज्यादा दर पर व्यापारियों से उर्वरक खरीदना पड़ रहा है। इसी प्रकार भूपेश सरकार द्वारा बीज का दर भी बढ़ा दिया गया है। इस कारण भी किसानों का शोषण हो रहा है। बताया गया है कि वर्मी कंपोस्ट के नाम पर गुणवत्ताविहीन खाद दी जा रही है। जिससे किसानों को लेने के लिए मजबूर भी किया जा रहा है।
ज्ञापन के माध्यम से मांग किया गया है कि इसे तत्काल रोक लगाया जाए। साथ ही सोसाइटी में पर्याप्त मात्रा में यदि रासायनिक उर्वरक उपलब्ध नहीं किया जाता है तो कल 16 जुलाई को जिला स्तर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी सुधार नहीं आता है तो विकासखंड मुख्यालयों पर किसानों को साथ लेकर लोकतांत्रिक तरीके से विशाल धरना प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया गया है।