राजनांदगांव

बच्चों की शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए
15-Jul-2021 6:39 PM
बच्चों की शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 जुलाई। 
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड स्रोत समन्वयक की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से दिवंगत हुए शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित प्रकरणों का सहानुभूतिपूर्वक प्राथमिकता से निराकरण करें। इसके साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन एवं ग्रेच्युटी के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें।  उन्होंने लंबित प्रकरणों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए। यह जरूरी है कि शिक्षक अपने पदस्थापना के स्कूल में सेवाएं दें। प्राय: यह देखा गया है कि दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षक मुख्यालय आना चाहते है, जो अनुचित है। स्थानांतरण नीति के तहत किसी भी शिक्षकों को मुख्यालय या अन्य स्थान पर अटैच करना नियम के विपरीत है। उन्होंने सभी शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर मूल पदस्थापना में भेजने के लिए निर्देश दिए। 

उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से संबद्ध शिक्षकों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिक्षकविहीन स्कूलों में, आदिवासी क्षेत्रों तथा एकल शिक्षक स्कूलों के मद्देनजर ऐसी व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने सभी बीईओ से विज्ञान, गणित एवं अन्य विषयों के लिए शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य शासन को भेजने हेतु प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। 
कलेक्टर सिन्हा ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भर्ती की प्रक्रिया, स्थायी जाति प्रमाण पत्र तथा महतारी दुलार योजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बौद्धिक अद्यतन एवं विकास के लिए प्रशिक्षण होते रहना चाहिए। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग में किए जा रहे नवाचार की भी जानकारी ली। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर डॉ. दीप्ती वर्मा को शिक्षा विभाग के कार्यों का मानिटरिंग करने के लिए कहा। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, जिला परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण रश्मि सिंह, समन्वयक सतीश ब्यौहरे सहित बीईओ एवं बीआरसी उपस्थित थे। 
 

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