राजनांदगांव
अतिक्रमण से बचने झूठी जानकारी के आरोप में घिरा सोनकर परिवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जुलाई। डोंगरगांव से सटे रूदगांव में एक सोनकर परिवार द्वारा ग्रामीणों पर हुक्का-पानी बंद करने का आरोप लगाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रशासन तक पहुंची शिकायत के शुरूआती जांच में यह बात सामने आई है कि आरोप लगाने वाले परिवार का गांव के एक सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा है। कब्जा हटाने की कोशिश कर रहे पंचायत पर दबाव बनाने के लिए परिवार ने सामाजिक बहिष्कार का झूठा आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि रूदगांव के गणपत सोनकर ने प्रशासन से शिकायत करते सामाजिक बहिष्कार करने के लिए सरपंच टीकाराम सोनकर और कुछ ग्रामीणों को दोषी ठहराते हुए न्याय की गुहार लगाई थी। इस मामले में डोंगरगांव एसडीएम हितेश पिस्दा ने प्रारंभिक जांच में परिवार के आरोपों को खारिज करते हुए यह पाया कि परिवार द्वारा एक जमीन पर कब्जा किया गया है। पंचायत के मुखिया होने के नाते सरपंच ने कब्जा हटाने के लिए गणपत के परिवार को कई बार समझाईश दी। आखिरकार परिवार ने सहानुभूति हासिल करने का मकसद लेकर सरपंच समेत ग्रामीणों पर सामाजिक बहिष्कार करने का आरोप लगाया।
इस संबंध में एसडीएम श्री पिस्दा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि शुरूआती जांच में यह साबित हुआ है कि सामाजिक बहिष्कार का आरोप बेबुनियाद है। सहानुभूति बटोरने के इरादे से परिवार ने सरपंच और ग्रामीणों पर सामाजिक बहिष्कार करने का झूठा आरोप लगाया है। उधर गणपत का परिवार अब भी इस बात पर अडिग है कि गांव में उनके साथ सामाजिक तौर पर बुरा बर्ताव हो रहा है। ऐसे में प्रशासन को उचित कार्रवाई कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।