राजनांदगांव
माली हालत से जूझते निगम के अफसरों की बड़ी चूक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई। माली हालत से जूझते राजनांदगांव नगर निगम के अफसरों की एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही से एक कर्मचारी को निगम रिटायर करना भूल गया। लिहाजा निगम कर्मी सेवानिवृत्त अवधि से अधिक छह माह तक अपनी सेवाओं के एवज में वेतन भी लेता रहा। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब निगम के स्थापना विभाग ने कर्मचारियोंं की सर्विस बुक पर नजर ड़ाली। अब स्थापना के कार्यरत लिपिक एक-दूसरे पर गलती करने का आरोप लगाकर पूरे मामले से पल्ला झाडऩे की कोशिश कर रहे है।
बताया जाता है कि खेमलाल साहू नामक कर्मी सफाई विभाग में वार्ड नं. 28 में प्रभारी के तौर पर कार्यरत था। लंबी सेवाएं देने के बाद प्रभारी को जनवरी 2021 में रिटायर होना था। लेकिन स्थापना में पदस्थ लिपिकों ने उसकी सर्विस बुक की जांच नही की। जिसके चलते वह 15 जुलाई 2021 तक कार्य करता रहा। बताया जाता है कि स्थापना में पदस्थ लिपिक राहुल सिंह और पंकज मेश्राम ने सर्विस बुक की रिटायरमेंट की अवधि को लेकर वेतन जारी करने वाले संबधित अधिकारी को जानकारी नही दी। बताया जाता है कि दो दिन पहले ही लिपिकों ने सर्विस बुक देखने के के बाद कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने को आदेश दिया। इस बीच निगम प्रशासन के समक्ष जब यह मामला सामने आया तो अफसरों हैरत में पड़ गए। बताया जाता है कि निगम आयुक्त आशुतोष चर्तुर्वेदी भी लिपिकों को इसके लिए सीधे जिम्मेदार मान रहे है।
इस संबंध में आयुक्त श्री चर्तुेवेदी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि जानकारी लेकर पूरे मामले की जांच कराया जाएगा। साथ ही जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी। बताया जाता है कि खेमलाल साहू को भी स्थापना के लिपिकों ने बुलाकर वेतन वापस करने की जानकारी दी है। बताया जाता है कि कर्मचारी ने इस मामले में सख्त आपत्ति करते वेतन लौटाने में असमर्थता जाहिर की है। इस बीच निगम की प्रशासनिक चूक से कर्मचारी को छह माह तक कार्य करना पड़ा। बताया जाता है कि लिपिकों पर जवाबदेही तय कर स्पष्टीकरण मांगने आयुक्त ने निर्देश दिए है।