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बन्द मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की
07-Mar-2024 4:31 PM
बन्द मुट्ठी लाख की,  खुल गई तो खाक की

नाजिया खान

आप बहुत टैलेंटेड हैं, इंटेलिजेंट हैं, बढिय़ा प्रेज़ेंस ऑफ माइंड है, सेंस ऑफ ह्यूमर है, पॉपुलर हैं, ख़ूबसूरत हैं, मिलनसार हैं, स्ट्रेटफॉर्वर्ड हैं, डिप्लोमेटिक हैं, कूटनीतिज्ञ हैं, सक्सेसफुल हैं, वेल-सेटल्ड हैं, स्ट्रेटेजिक हैं, सीधे-सादे हैं, हुनरमंद हैं...

इनमें से एक या अनेक, जो भी क्वालिटीज़ आपमें मौजूद है, लोग जिनकी वजह से आपकी ओर आकर्षित होते हैं, आपको दूर से विस्मय से निहारते रहते हैं, आपके प्रशंसक बन जाते हैं, आपके कऱीब आना चाहते हैं। अगर उनको आपने अपने पर्सनल स्पेस में थोड़ी भी जगह दे दी, तो फिर वे फैलने लगते हैं, कब्ज़ा जमाने लगते हैं। कालांतर में, आपकी उन्हीं विशेषताओं से चिढऩे-कुढऩे लगते हैं, जिनसे आकृष्ट होकर आपकी ओर बढ़े थे। आप बाउंड्री सेट करने की कोशिश करेंगे तो फिर वे आपको चोट पहुँचाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ेंगे, आपकी रेप्यूटेशन, आपकी मेंटल हेल्थ सब चौपट करना चाहेंगे।

वहीं दूसरी ओर जब आप किसी से प्रभावित होकर उसकी तरफ़ बढ़ते हैं और उसे जानने-समझने की कोशिश करते हैं और पाते हैं कि वह वैसा है ही नहीं, जैसा आपने सोचा था या जैसा उसने ख़ुद को प्रेज़ेंट किया हुआ है, जो आभामंडल उसके इर्द-गिर्द बना है, नक़ली है, तब भी आप ठगा सा महसूस करते हैं। लोगों की प्रोफेशनल लाइफ, पर्सनल लाइफ से अलग होती है। कथनी और करनी जैसे ही लेखनी और करनी में भी फक़ऱ् होता है। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले,असल में उतने बड़े होते नहीं। किसी से बहुत जल्दी प्रभावित मत होइए। चकाचौंध और भेड़चाल में अंधे मत होइए। फैन हैं किसी के तो उससे सेफ डिस्टेंस मेंटेन रखिये, बहुत घुसने की कोशिश मत कीजिये ताकि फैनडम बरकऱार रहे। बन्द मुट्ठी लाख की, खुल गई तो ख़ाक की।

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