विचार / लेख

अविश्वास के अंधेरे में उम्मीद की किरण
14-Mar-2021 5:49 PM
अविश्वास के अंधेरे में उम्मीद की किरण

-प्रकाश दुबे

केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारामन के कामकाज की धज्जियां उड़ाते हुए सुप्रिया ने चुटकी ली-वित्तीय मामलों का महकमा कैसे संभालना चाहिए यह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत-दादा- पवार से सीखें। अजीत और सुप्रिया के बीच अनबन के किस्से उछलते रहते हैं। अपने दादा को अनमोल रतन बताकर सुप्रिया ने पिता को भी चकित कर दिया।

होली और गाली का तुक ठीक नहीं जमता? मत जमने दो। राजनीतिक बयानबाजी बिना गाली के मज़ा नहीं देती। होली समाजवादी त्यौहार है और देश को अपने कंधों पर ढो रहे रंग-बिरंगे महानुभाव गाली सदाचार में पारंगत है। इस सद् आचरण में सबको छूट है। विरोधियों को आलोचना के साथ कई तरह का प्रसाद मिलता है। छापे, पुलिस केस, गिरफ्तारी आदि-आदि। है गांधी-महात्मा का देश, इसलिए कई बार अच्छी मिसाल मील के पत्थर की तरह गढ़ी जाती है। राजे-रजवाड़ों के राजस्थान में कुछ ऐसा ही कमाल हुआ।

राज्य में चार कन्या महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। चारों महाविद्यालय कोविड महामारी के दौरान विदा होने वाले विधायकों को समर्पित हैं। अब, इसमें नई बात क्या है? यह तो श्रद्धांजलि देने का राजनीतिक तरीका है। ऐसा कहने-सुनने वाले गौर करें। राजसमंद में बनने वाला कन्या महाविद्यालय किरण माहेश्वरी को समर्पित हैं। वे भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चार बार इसी क्षेत्र से चुनाव जीतीं। प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। 

बिरादरी की बात

कूड़ादान और कलम-कंप्यूटर-कैमरावाली बिरादरी के बीच यूं तो कोई समानता नजर नहीं आती। सिवा इसके, कि कचरा दान करने के लिए कूड़ादान। किसी गलती के लिए पत्रकार बिरादरी पर ठीकरा फोड़ दो। ऐसा तब अक्सर होता है, जब खबर की जान-बूझकर कतरब्यौंत की जाए। छपी और कही गई खबर यह है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के पांच विधायक जनता पार्टी में शामिल हुए। इतना ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस की घोषित उम्मीदवार भी पार्टी छोडक़र भाजपा में जा पहुंचीं। दोनों खबरें अर्धसत्य थीं। कुछ कलम चलाने वाले कलाकार इतना बताने से कतरा गए कि पांचों के टिकट उनकी दीदी ने काट दिए थे। इनमें दो विद्यमान विधायकों की आयु 80 वर्ष से कुछ अधिक है इसलिए उम्मीदवारी नहीं मिली। दोनों ने मेट्रोमैन श्रीधरन से प्रेरणा ली। जिस महिला ने पाला बदला, पार्टी ने ऐनमौके पर उसके बजाय अन्य को टिकट थमा दिया। हमारी बिरादरी वालों के पास पूरी कहानी बताने के लिए कागज और समय की कमी नहीं थी। सच की भी नहीं, सोच की कमी रही होगी।

 आमार सोनार वोटर

घर बैठे सोशल मीडिया पर नुक्स निकालने वालों को बिना शर्त मंजूर करना चाहिए कि प्रधानमंत्री की सिर्फ दाढ़ी ही बड़ी नहीं है। उनकी प्रचार योजना भी लंबी है। विरोधी दल वाले तुलना में कहीं नहीं ठहरते। उनकी दूरगामी सोच की मिसाल देखो। महिला दिवस पर प्रधानमंत्री ने दस्तकारी का सामान खरीदा।  इनमें जूट का फाइल फोल्डर शामिल था। प्रधानमंत्री बताना नहीं भूले कि पश्चिम बंगाल में बने इस फाइल फोल्डर का उपयोग जरूर करेंगे। वहीं असमिया गमूसा भी खरीदा। इसे हिंदी में गमछा कहते हैं। अगले ही दिन वीडियो के जरिये भारत-बांग्लादेश के बीच मैत्री सेतु का उद्घाटन किया। दाढ़ी, बांग्ला के दो वाक्य और खरीदी पर बिना सोचे फब्ती कसने वाले जान लें। मतदान के घमासान के बीच प्रधानमंत्री बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे। वह भी ऐन होली से पहले। बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ का आरोप कई बार लगा है। किसने लगाया, यह भूलकर सोचो कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का रंग दे बसंती चोला होगा कि नहीं?

मेरा अनमोल रतन

जाने कितने लोग हैं जो संसद में होने वाली चर्चा को सुनते हैं? वैसे भी राज्यसभा टीवी के लोकसभा टीवी में विलय के बाद विकल्प घटे हैं। प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने शरद पवार के कृषि मंत्री की हैसियत से लिखे पत्र के कुछ अंश संसद में पढ़े। पवार को पलटूराम प्रमाणित करना चाहा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने  पिता शरद पवार के पत्र का वह अंश लोकसभा में पढ़ा, जिसे प्रधानमंत्री छुपा गए थे। सुप्रिया ने प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के मनरेगा, जीएसटी आदि कुछ फैसलों पर यू टर्न के प्रमाण दिए। इससे अधिक दिलचस्प था, उनका चचेरे भाई अजीत दादा पवार की तारीफ करना। केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारामन के कामकाज की धज्जियां उड़ाते हुए सुप्रिया ने चुटकी ली-वित्तीय मामलों का महकमा कैसे संभालना चाहिए यह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत-दादा- पवार से सीखें। अजीत और सुप्रिया के बीच अनबन के किस्से उछलते रहते हैं। अपने दादा को अनमोल रतन बताकर सुप्रिया ने पिता को भी चकित कर दिया।

 (लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news