रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 12 नवंबर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूरी आस्था एवं उत्साह से मनाया गया। इसके तहत महिलाएं द्वारा निर्मला कठोर व्रत रख बुधवार की शाम को अस्त होते सूर्य को अघ्र्य देकर विधिवत पूजा की गई। साथ ही व्रत रखने वाली महिलाओं द्वारा संतान की दीघार्यु एवं घर की सुख शांति तथा समृद्धि के लिए कामना की गई। गुरूवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर व्रत का पारण किया गया।
यह पर्व मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार झारखंड सहित अन्य प्रांतों का पर्व है, लेकिन पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ में भी मनाया जाने लगा है, क्योंकि यहां भी उक्त प्रांत के लोग निवास करते हैं।
ओंकार केशरवानी सुरेश केसरवानी ने बताया कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को महा छठ पर्व मनाया जाता है। छठ पर्व का आरंभ सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुआ वहीं दूसरे दिन मंगलवार को खरना भगवान सूर्य देव को खीर तथा फलों सहित अन्य सामग्रियों का भोग लगाया गया।
तीसरे दिन बुधवार को व्रती महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर पानी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अध्र्य देकर संतान की दीघार्यु एवं सुहाग सलामती एवं सुख-शांति तथा समृद्धि के लिए कामना की गई। घाट पर माता छठी के लोकगीत गूंजते रहे। गुरुवार को उगतेे हुए सूर्य को अघ्र्य देकर प्रसादी वितरण के साथ छठ महापर्व का समापन हुआ।