रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 12 नवंबर। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ के अवसर पर गुरुवार को व्रतियों ने नदी घाटों पर उगते सूर्य को अघ्र्य देकर व्रत का पारण किया। इस अवसर पर केलो नदी के अधिकांश घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
सोमवार को नहाय-खाय के पर्व के साथ शुरू हुए छठ महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की थी। इसी क्रम में श्रद्धालुओं ने गुरुवार सुबह घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। जिसके बाद उपवास रखने वाले व्रतियों ने छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत पारण किया ।
छठ पूजा करने का उद्देश्य जीवन में सूर्यदेव की कृपा और छठ मैया का प्रेम-आशीष पाना है। सूर्य की कृपा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है, तो वहीं छठ मैया के आशीष से इंसान को सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ अकेली ऐसी पूजा है, जिसमें उगते हुए और अस्त होते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। अस्त होता सूरज, जहां आपको कालचक्र के बारे में बताता है तो वहीं उगता सूरज नई सोच और ऊर्जा का प्रतीक है और जीवन में आगे बढऩे के लिए इन दोनों चीजों का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। सभी ने पूरी श्रद्धा के साथ छठ पूजा की और अपने परिवार की खुशहाली के लिए सूर्य भगवान और छठ मैया से प्रार्थना की।