बालोद

बालोद का दूधगंगा लिख रहा विकास का नया अध्याय
03-Dec-2021 5:17 PM
बालोद का दूधगंगा लिख रहा विकास का नया अध्याय

40 प्रकार की मिठाईयां प्रदेश में विख्यात, कई किसान हो रहे लाभांवित

शिव जायसवाल

बालोद, 3 दिसंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बालोद जिला दूधगंगा के रूप में विकास का नया अध्याय लिख रहा है। वर्ष 2018 में एक संस्था की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की गई थी और किसानों को आगे लाने रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से इसे निर्मित किया गया था। आज यह दूधगंगा पूरे बालोद जिले सहित प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है।

प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह के योजना की शुरुआत हुई थी, परंतु वह चल नहीं पा रहे। बालोद जिले के कई दुग्ध किसान इससे विकास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं और यह एकमात्र दूधगंगा ही नहीं यहां से विकास की गंगा भी बहने लगी है। कई किसानों को रोजगार मिला है और बाजार दाम से अधिक यहां पर दूध की खरीदी की जाती है, इसके साथ ही मिलने वाले लाभ को बोनस के रूप में किसानों में बांट भी दिया जाता है। आज यह संस्था बालोद जिले के गौरव के रूप में अपना स्थान बना चुकी है और यह शहर के हृदय स्थल में भी स्थापित है।

वर्ष 2018 को हुई थी शुरुआत
2012 से दूध गंगा नामक इस प्रोजेक्ट को लेकर विचार चल रहा था लेकिन 5 जून दो हजार अ_ारह को दूधगंगा नामक इस संस्था की शुरुआत हुई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसका उद्घाटन किया था, तब से यह संस्था नए नए आयाम करती हुई नजर आई है। आज बच्चा-बच्चा दूधगंगा को जानता है और प्रदेश का कोई भी व्यक्ति बालोद आए तो दूधगंगा से मुंह मीठा किए बिना वापस नहीं लौटता। आज 3 वर्षों में इस संस्था ने बहुत से लोगों को रोजगार दिया है।

20 मजदूर कार्यरत
दूध गंगा नामक इस मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में 20 मजदूर कार्यरत हैं, जिसमें दूध खरीदी से लेकर मिठाई बनने तक का प्रोसेसिंग कार्य किया जाता है। यहां पर सभी मजदूरों को समय में भुगतान भी हो जाता है, इससे 20 मजदूरों को लगातार रोजगार मिलने लगा है। संस्था का कहना है कि हम इस कार्य क्षेत्र को बढ़ाने जा रहे हैं और विकासखंड स्तर पर काउंटर खोलने की तैयारी है जिसकी शुरुआत लोहारा विकासखंड से की जा रही है। आने वाले कुछ दिनों में वहां पर काउंटर खोल लिया जाएगा।

349 किसान जुड़े हैं संस्था से
बालोद जिला मुख्यालय सहित आसपास के लगभग 349 दुग्ध किसान इस संस्था से जुड़े हुए हैं और संस्था के अध्यक्ष अनिल मंत्री ने बताया कि लगभग 200 किसान 12 महीने दूध की सप्लाई इस संस्था में करते हैं कभी किसी किसान के पास दूध का उत्पादन नहीं रहता तो उसकी कमी अन्य किसान पूरी कर देता है। हम चाहते हैं कि और भी लोग इस संस्था से जुड़े वर्तमान में दूध की कीमतों में वृद्धि की गई है पहले 35 रु.प्रति लीटर के हिसाब से दूधगंगा द्वारा दूध की खरीदी की जाती थी, परंतु अब यहां पर 40 रु.प्रति लीटर की दर से दूध की खरीदी की जाती है जिससे अन्य किसान भी दूध लाने लगे हैं। यह मूल्य बाजार मूल्य से अधिक है और किसानों को लाभ का अंश भी हम बोनस के रूप में दे देते हैं जिससे किसान काफी खुश रहते हैं।

40 प्रकार की मिठाईयों का निर्माण
इस संस्था के माध्यम से 40 प्रकार की मिठाईयों का निर्माण किया जाता है और इन मिठाइयों के प्रति लोगों का आकर्षण देखते ही बनता है, रोजाना 12 सौ लीटर दूध से इन मिठाईयों का निर्माण किया जाता है। ग्राहकों ने बताया कि हमें यहां पर शुद्ध और ताजी मिठाइयां मिलती है, जिसके कारण हम दूधगंगा के ऊपर विश्वास करते हैं यहां खीर कदम नामक मिठाई काफी फेमस है और बालोद से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक इस मिठाई की चर्चा रहती है। जो कोई भी नेता-मंत्री दीगर जिलों से आता है, वह इस संस्था का जिक्र करते हुए मिठाईयां जरूर खाता है, सबसे ज्यादा खीर कदम नामक मिठाई की यहां पर बिक्री है।

कढ़ाई दूध की बिक्री जल्द
संस्था के सदस्यों ने बताया कि यहां पर जल्द ही कढ़ाई दूध की विक्रय की व्यवस्था की जाएगी, कढ़ाई में 24 घंटे गर्म दूध लोगों को मिलने लगेगा, इसमें केसर सहित अन्य सामग्रियां डालकर इसका स्वाद भी बढ़ाया जाएगा, इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है और लोग ठंड में इसके प्रति काफी आकर्षित होंगे।

स्वच्छता का विशेष ध्यान
दूधगंगा को लेकर लोग विश्वास इसलिए करते हैं क्योंकि यहां पर स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाता है यहां पर हाइजेनिक सिस्टम से दूध खरीदी और दूध का प्रोसेशन किया जाता है यहां पर हाई क्वालिटी लैब भी है और लैब टेक्नीशियन भी उच्च स्तर के दूध यहां पर खरीदे जाते हैं और दूध में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती और खरीदे गए दूध को कोई व्यक्ति हाथ भी नहीं लगाता, पूरा अत्याधुनिक तकनीक से यहां पर मिल्क का प्रोसेस किया जाता है।

इन जिलों में हुई शुरुआत
पर नहीं चल पाए
बालोद जिले के अलावा बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर जैसे वनांचल बाहुल्य क्षेत्रों में इसकी शुरुआत की गई थी, परंतु उन जिलों में भी इसका संचालन नहीं हो पाया है। पूरे प्रदेश में दूधगंगा बालोद जिले की सहकारी संस्था है और यहां पर बेहतर संचालन हो रहा है और पूरे प्रदेश में इसकी ख्याति पहुंच रही है। बालोद के साथ इस दूधगंगा नामक संस्था का नाम भी प्रमुखता से जुड़ चुका है।

10 दिन के अंदर भुगतान
संस्था के सदस्यों ने बताया कि किसानों को 10 दिन के भीतर ही उनके बेचे गए दूध का भुगतान कर दिया जाता है, जिससे किसान काफी खुश रहते हैं। कुछ दिनों पूर्व लगभग 9 लाख का मुनाफा संस्था को हुआ था, जिसे बोनस के रूप में किसानों को बांट दिया गया था। किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए हम सदैव तत्पर हैं और पशुपालन विभाग से जितनी भी योजनाएं आती है, उनसे हम किसानों को हमारी संस्था के माध्यम से जोडऩे की कोशिश में रहते हैं और इसका प्रतिफल भी देखने को मिल रहा है। सहकारी संस्था दूधगंगा द्वारा विकास के नए आयाम लिखे जा रहे हैं। इसका लाभ भी लोगों को मिलने लगा है। लोगों को स्वच्छ शुद्ध खोवे की मिठाईयां यहां मिलने लगी है।
 

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