रायगढ़

जमरगीडी नवीन उपार्जन केन्द्र बनाने से दूरी हुई कम, 40 किमी का सफर अब हुआ आधा
13-Dec-2021 5:24 PM
जमरगीडी नवीन उपार्जन केन्द्र बनाने से दूरी हुई कम, 40 किमी का सफर अब हुआ आधा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 13 दिसंबर।
जमरगीडी नवीन उपार्जन केन्द्र बनाने से किसानों का 40 किमी का सफर अब आधा हो गया है जिससे किसानों में हर्ष है।
समिति प्रबंधक दिनबंधु पटेल ने बताया कि पूर्व में धान उपार्जन केन्द्र खम्हार में स्थित था। जिससे धान विक्रय के लिए ग्राम पोरिया के किसानों को लगभग 40 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था। लेकिन जमरगीडी में उपार्जन केन्द्र बनाने से उन किसानों के लिए दूरी घटकर लगभग 15-17 किलोमीटर रह गया है। इसके साथ ही 14 गांवों की दूरी 10 किलोमीटर हो गयी है। किसानों के समय के साथ धान विक्रय केन्द्र जाने के लिए जाने वाले वाहन भाड़ा में कमी आएगी। इससे किसानों को लाभ मिलेगा।

शासन द्वारा वन अधिकार पत्र वितरण के पश्चात अब हितग्राही भी समर्थन मूल्य पर धान बेच रहे है। कृषि भूमि उपलब्ध होने एवं धान का उपज लेने के बावजूद पहले किसानों को अपना धान समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाते थे। वन अधिकार पत्र प्राप्त होने से उनकी यह समस्या दूर हो गई और वे उपार्जन केन्द्र में अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेच पा रहे है। इसके साथ ही उन्हें कृषि आदान सहायता राशि का लाभ भी मिल सकेगा।

धरमजयगढ़ विकासखंड के जमरगीडी नवीन उपार्जन केन्द्र में 842 किसानों ने पंजीकृत करवाया है।  शासन द्वारा किसानों को वनअधिकार पत्र मिलने से जमरगीडी उपार्जन केन्द्र में ग्राम अमलीटिकरा, रामपुर, मिरीगुढ़ा, बलपेदा, सिरकी, नेवार, जबगा आदि गांवों के 35 वन अधिकार पत्र हितग्राहियों ने पंजीकरण  करवाया है। वर्तमान में उपार्जन केन्द्र में वन अधिकार पत्रधारी 5 किसानों द्वारा लगभग 200 क्ंिवटल धान का विक्रय किया गया। जो पहले खुले बाजार में बेचते थे। आगामी दिनों वन अधिकार पत्र धारी अन्य किसानों द्वारा भी धान विक्रय किया जाएगा। जिसमें वन अधिकार पत्र का लाभ उन्हें समर्थन मूल्य के रूप में प्राप्त होगा। ग्राम रामपुर निवासी श्री दिलबोध का कहना है कि 1.311 हेक्टयर का वनअधिकार पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें उनके द्वारा लिए गए धान की फसल को धान उपार्जन केन्द्र में समर्थन मूल्य में ब्रिकी किया। जिससे उन्हे कृषि आदान सहायता राशि का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही नवीन उपार्जन केन्द्र बनाने से उपार्जन केन्द्र की दूरी कम हुई, जिससे उन्हें धान विक्रय करने में काफी सुविधा हुई है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news