रायगढ़
![कोसीर मेला, राउत नाचा की धूम, गांवों में उत्साह कोसीर मेला, राउत नाचा की धूम, गांवों में उत्साह](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16398305556.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 18 दिसंबर। ग्राम कोसीर रायगढ़ जिले का बड़ा गांव है। सारंगढ़ से 16 किलो मीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित है। कोसीर इतिहास की दृष्टि से ऐतिहासिक नगरी है। यह मां कौशलेश्वरी देवी की पुरातात्विक मंदिर है, जो कोसीर गांव के हृदय स्थल पर है। कोसीर गांव का मड़ाई मेला चर्चित है।
लोगों की माने तो कोसीर मड़ाई मेला के बाद पूरे अंचल में शादी विवाह गवना पथोनी का सिलसिला शुरू हो जाता है। पूरे अंचल में कोसीर मडाई मेला का इंतजार रहता है यह त्यौहार से कम नहीं है। कोसीर मड़ाई मेला का एक अलग पहचान है। यहां दूर दराज से लोग मेले का आनन्द उठाने पहुंचते है। मेला स्थल में एक दिन पहले से ही मेला में लगाने वाले दुकाने लग जाती है।
इस वर्ष मेला स्थल छोटे बड़े झूले, सिनेमा, लग गया है, जो आकर्षण का केंद्र बना है। कोसीर में मेला साप्ताहिक बाजार शुक्रवार को होता है। उसी दिन मेला भरता है इस वर्ष यह मेला दिसंबर माह के 17 को भर रहा है जो 19 दिसंबर तक रहेगी। मुख्यत: एक दिन का मेला भरता है पर यह मेला उजड़ते 3 दिन लग जाता है और यह 3 दिन तक रहता है। मड़ाई मेला में पूरे अंचल के लोग पहुंचते है। अच्छी खासी भीड़ होती है। रात में लोग घूम फिर कर सिनेमा का आनन्द लेते हैं वही मेले में कोसीर ग्राम पंचायत और कोसीर थाना की ओर से सहायता केंद्र होते है। कोसीर मडाई मेला शुक्रवार की शाम 4 बजे से भरना शुरू होता है और झूले, सिनेमा, इसी समय पर शुरू होते है। यह मेला मड़ाई मेला है।
इस मेले में पूरे अंचल के यादव समाज के बंधु अपनी पारम्परिक वेषभूषा के साथ ढोल नगारे बाजे गाजे के साथ नृत्य करते है। जिसे राउत नाच भी कहते है। इस दिन पूरे सुबह से शाम तक घूम-घूमकर गांव में अपना नृत्य दिखाते है और शौर्य का प्रदर्शन करते है। मडाई मेला को लेकर पूरे गांव और अंचल में उत्साह का माहौल है।