रायगढ़
![मध्यान्ह भोजन पकाने रसोईयों को मिलते हैं मात्र 40 रुपए मध्यान्ह भोजन पकाने रसोईयों को मिलते हैं मात्र 40 रुपए](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16402607193.jpg)
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मानदेय बढ़ाने बुलंद की आवाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 23 दिसंबर। महिला स्व सहायता समूहों द्वारा विभिन्न स्कूलों में मध्यान्ह भोजन संचालित किया जा रहा है। परंतु इस काम के एवज में उन्हें रसोइए के रूप में सिर्फ 40 रूपए की दर से भुगतान दिया जाता है। इस कम मानदेय में किसी तरह परिवार चला रहे स्व. सहायता समूह की महिलाओं ने मानदेय बढ़ाने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की है और इस आशय का ज्ञापन सौंपा है।
स्व सहायता समूह की महिलाओं का आरोप है कि इस अति न्यूनतम मेहताने से समूह की महिलाओं को आर्थिक संकट का सामना करते हुए परिवार चलाने में काफी कठिनाई उठानी पड़ती है। रसोइए के कार्य हेतु उन्हें सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक का समय देना पड़ता है, ऐसे में परिवार का गुजारा करने के लिए वे अन्य कोई दूसरा कार्य भी नहीं कर पातीं।
वहीं शासन की ओर से रोजगार गारंटी के तहत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का मेहनताना 296 रुपए निर्धारित किया गया है। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मध्यान भोजन पकाने वाले वाली महिलाओं को रसोइए के रूप में सिर्फ 40 रुपए प्रतिदिन की दर पर दिए जा रहे हैं। वहीं साग-सब्जी आदि बाजार से खरीदी जाने वाली आवश्यक सामग्रियों के लिए भी विलंब से भुगतान दिया जाता है। ऐसे में महिला स्व सहायता समूह पर साहूकार का दबाव भी बना रहता है। मंगलवार को स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मानदेय राशि बढ़ाने हेतु त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है।