बलौदा बाजार

पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने जिपं अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
25-Dec-2021 4:32 PM
पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने जिपं अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 25 दिसंबर।
बलौदाबाजार प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के बलौदा बाजार के पदाधिकारियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा के कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ बलौदा बाजार के जिला अध्यक्ष रुद्र कुमार चंद्रवंशी व पदाधिकारियों  ने बताया कि सन् 1998- 99 में तत्कालीन कांग्रेस शासन द्वारा शिक्षाकर्मी भर्ती योजना 1997 के तहत मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत स्थानीय निकायों जनपद जिला एवं नगरी निकाय द्वारा शिक्षा कर्मी वर्ग 1, 2, 3 के रिक्त पदों पर भर्ती की गई थी। इनकी परीक्षा अवधि पूर्ण होने पर नियमितीकरण किया गया है एवं इनकी सेवाएं शिक्षा विभाग में निरंतर जारी है। मध्यप्रदेश पंचायत नगर, पालिका शिक्षाकर्मी भर्ती तथा सेवा शर्ते नियम 1997-98 राजपत्र में सामान्य सेवा शर्त का स्पष्ट उल्लेख नहीं था। केवल यह लिखा था कि पंचायत एवं नगरीय निकाय के अन्य कर्मचारियों के अनुसार इनकी भर्ती होगी। इसका पालन तात्कालिक विभाग प्रमुखों द्वारा नहीं किया गया एवं इन कर्मचारियों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया शिक्षा विभाग में ही 1998-99 से अब तक नियमित कार्य कर रहे।

अल्प वेतनमान और उपेक्षा पूर्ण वातावरण में प्रदेश के दूरस्थ अंचल में शिक्षक अपनी सेवाएं लगातार दे रहे हैं।  1998 में भर्ती हुए कई शिक्षक आज सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। वर्ष दो हजार अ_ारह में इनका शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया। किंतु संविलियन के समय इनके पूर्व सेवा के कार्यकाल को शून्य घोषित कर दिया गया। जो कि इन के अधिकारों एवं की गई सेवा के नियमों का पूर्णत उल्लंघन था।

शासन द्वारा इनके संवैधानिक अधिकार का हनन और सेवा का हरण कर लिया गया। जो पेंशन अधिनियम 1972 के नियम 26 का उल्लंघन है। सन 2004 में वन पेंशन के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली शुरू की गई। जिसके तहत वर्ष 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारी एनपीएस के लिए पात्र होंगे। वर्ष 2004 के पूर्व सभी ओपीएस के लिए यथावत पात्र माने जाएंगे।

नियम को नजरअंदाज कर शिक्षक संवर्ग को 2012 से एनपीएस से जोड़ा गया जो कि पूर्णता पक्षपातपूर्ण कार्रवाई थी। शिक्षक संवर्ग सेवानिवृत्ति के करीब है। सेवा आरंभ और सेवा काल के आधार पर पुराने पेंशन योजना के हकदार हैं। एनपीएस से जीवन जीने योग्य पेंशन राशि नहीं मिलेगी ना ही पूर्ण सेवाकाल की ग्रेज्विटी और पारिवारिक पेंशन मिल पाएगी। प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी नैमित्तिक आकस्मिक निधि से नियुक्त कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति 2004 के पूर्व हुई थी उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। उनके अंशदान राशि एन एस डी एल में जमा को शासन द्वारा जीपीएफ फंड में लिया गया है।

शिक्षक संवर्ग की जमा राशि शासन द्वारा जीपीएफ में हस्तांतरित की जा सकती है। तथा शासन के अंशदान को खजाने में जमा करने पर पुरानी पेंशन योजना पर कोई भी भार नहीं पड़ेगा। इस स्थिति को देखते हुए संगठन ने मुख्यमंत्री एवं संबंधित जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वर्ष 2018 में 1999 में नियुक्त शिक्षक एलबी संवर्ग को सेवाकालीन अधिकार पुरानी पेंशन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 का लाभ देने की मांग संगठन द्वारा की गई है।

उक्त अवसर पर राकेश वर्मा ने कहा कि आपकी इन मांगों को मैं शासन स्तर पर रख रखूंगा जिस प्रकार 2004 के पूर्व शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाता था उस योजना को पुन: लागू करने हेतु मैं मुख्यमंत्री को अपनी अनुशंसा से पत्र जारी कर आप लोगों का हर संभव मदद करने का प्रयास करूंगा।
ज्ञापन देने हेतु हेमंत कुमार वर्मा, चंपा जोगी ,राधा रानी, कृष्ण कुमार वर्मा, जनिरम राम साहू, रूप नारायण साहू, गोवर्धन वर्मा, शिव कुमार , किशन लाल बंजारे, घनश्याम प्रसाद देवांगन, राजेश कुमार मानसरोवर एवं जिले के अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
 

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