बालोद

पर्यावरण प्रेम ऐसा, चेहरे पर पुतवा ली पेंटिंग, खुद के खर्चे से करते हैं बेहतरीन कार्य
26-Dec-2021 4:41 PM
पर्यावरण प्रेम ऐसा, चेहरे पर पुतवा ली पेंटिंग, खुद के खर्चे से करते हैं बेहतरीन कार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 26 दिसंबर।
बालोद जिले के दल्ली राजहरा निवासी वीरेंद्र सिंह जिसे पूरा छत्तीसगढ़ ग्रीन कमांडो के नाम से जानता है। ग्रीन कमांडो इसलिए क्योंकि उन्होंने संकल्प लिया है हरियाली का उनके द्वारा कई सारे ऐसे कार्य किए जाते हैं जो कि प्रकृति के संरक्षण के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहता है और यह काम भी अनोखे रहते हैं इस बार उनके द्वारा नदियों की साफ सफाई के लिए नदी में घुसकर उनके संरक्षण के लिए लोगों से अपील की जा रही है। वहीं इन्होंने अपने शरीर पर नदी के संरक्षण संबंधी पेंटिंग्स भी बना रखी हैं, इसके साथ ही इनके द्वारा वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों में जाकर लोगों को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।

ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जिस तरीके से लोगों द्वारा प्रकृति का दोहन किया जा रहा है और जिस हिसाब से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है, उससे प्रकृति ही हमें बचा सकती है और इसका संरक्षण करना बेहद अनिवार्य है, अन्यथा कुछ दिन बाद हमें प्रकृति की वह मार झेलनी पड़ेगी। जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग समझे या न समझे परंतु हमारी कोशिश रहती है कि हम लोगों तक पर्यावरण संरक्षण के संदेश को पहुंचा सके ताकि वे अपनी जिंदगी में थोड़ी बहुत तो परिवर्तन कर पाए जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो पाए।

अनोखे कार्य से मिली पहचान
ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह को उनके अनोखे कार्यों के नाम से ही पहचान मिली है और आज पूरा छत्तीसगढ़ में उन्हें ग्रीन कमांडो के नाम से जानता है। आपको बता दें कि इनके द्वारा कुछ दिनों पूर्व सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर काटे जाने वाले पेड़ों के खिलाफ भी एक वृहद आंदोलन छेड़ा गया था और पेड़ों को भगवान का दर्जा देते हुए भगवान शिव की तस्वीरें भी पेड़ों में लगाई गई थी। इस तरह के कार्य के द्वारा किए जाते हैं साथ ही वर्तमान में कुछ विद्यालयों में यह जंगली जानवरों की वेशभूषा लिए बच्चों को जागरूक कर रहे हैं कि हम सब क्षेत्र के लोग हैं और वनों की रक्षा के साथ-साथ हमें वन्य प्राणियों की भी रक्षा करनी चाहिए।

नदी संरक्षण के लिए उतरे नदी में
जिले के वनांचल क्षेत्र डौंडी एवं दल्ली में छोटे-छोटे ऐसे नदी नाले हैं जो जल का एक बेहतरीन स्रोत हैं परंतु देखरेख के अभाव में यह खत्म होते जा रहे हैं उनके संरक्षण के लिए अर्धनग्न अवस्था में यह नदियों में उतरे हुए थे और लोगों को नदी संरक्षण का संदेश दे रहे थे इनके द्वारा कुछ दिनों पूर्व तालाब उत्सव भी मनाया गया है और तालाबों में खुद के खर्चे से कचरे बेटी की स्थापना भी की गई है ताकि लोग तालाबों के आसपास गंदगी ना फेंककर सीधे उस कचरे पेटी का उपयोग करें।

लोगों के लिए प्रेरणा
ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह आज लोगों के लिए प्रेरणा साबित हो रहे हैं और औरों को भी जागरूक कर रहे हैं जिसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है पेड़ के कटाई के लिए किए गए आंदोलन के परिणाम स्वरूप पेड़ो की कटाई रुक पाई है।
 

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