बालोद
शिव जायसवाल
बालोद, 28 दिसंबर (छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। समय का पहिया चलता जा रहा है और इसके साथ ही वर्ष 2021 भी हमें अलविदा कहने की ओर अग्रसर है। आने वाले कुछ ही दिनों में वर्ष 2021 में अलविदा कह जाएगा और 2022 नई उम्मीदों के साथ हमारे बीच आएगा। बीता हुआ लम्हा कभी साथ नहीं छोड़ता और इन्हीं साथ के साथ हमें नई उम्मीदों की ओर भी आगे बढऩा चाहिए वर्ष 2021 में कई खट्टे मीठे लम्हे दिए जिससे बालोद गुदगुदा ता हुआ नजर आया परंतु 2021 में इतने आंसू भी दिए, जिसको एक हफ्ता परिवार जिसका सब कुछ बिखर गया हो वह कभी भूल नहीं सकता, पर इन सब के बावजूद भी हमें नई रोशनी की ओर आगे बढऩा है। अंधेरे में उजियारा तलाशना है दुर्घटनाओं के आंकड़े भी काफी डरावने रहे पर विकास की बात करें तो बालोद को आने वाले वर्ष में काफी कुछ मिलने जा रहे हैं राजनीति में काफी कुछ तो हुआ नहीं पर अभी से ही विधानसभा के समीकरण शुरू हो चुके हैं।बात करें राजनीति के आदर्श दंपत्ति को तो पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा और वर्तमान विधायक संगीता सिन्हा ने अपनी एक अलग जगह बनाई है, विपक्ष के रूप में भाजपा थोड़ी कमजोर नजर आई तो स्थानीय कांग्रेस नेताओं का कद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बढ़ाया है विस्तार से जाने बालोद का हाल।
दो पूर्व विधायक भाजपा में शामिल
राजनीति की बात करें तो दो पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। यह दिग्गज पूर्व विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। जिसमें से गुंडरदेही विधानसभा के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय व पूर्व विधायक बालमुकुंद देवांगन हैं। राजेंद्र राय जो कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के काफी करीबी माने जाते थे और जोगी कांग्रेस की सदस्यता भी उन्होंने ली थी पर अब यह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इनके साथ लगभग डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है कांग्रेस का कहना है कि किसी आने जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता, परंतु इनके भाजपा प्रवेश के बाद से भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गजों के चेहरे पर मायूसी देखते ही बनती है, क्योंकि यह भी कहीं ना कहीं विधायक के उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं।
बालोद जिले के कांग्रेस जनप्रतिनिधियों का बढ़ा कद
बालोद जिले के कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों का कद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बढ़ा दिया है।यहां से एक विधायक अनिला भेडिय़ा हैं तो दूसरी और संसदीय सचिव के रूप में कुंवर सिंह निषाद का बीज है, परंतु एक विधायक होते हुए संगीता सिन्हा का जलवा बरकरार है मंच पर उनका भाषण अब लोगों को आकर्षित करने लगा है तो बालोद नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा को भी दिगर राज्यों के चुनाव में एक अहम जिम्मेदारियां दी गई है। कुछ दिनों पूर्व असम चुनाव में भी इनकी सक्रियता देखने को मिली थी और आने वाले समय में यूपी चुनाव का भी जिम्मेदारी इन्हें दिया गया है। वर्तमान में यह सभी यूपी के दौरे पर हैं।
बालोद पुलिस ने साइबर सेल के मामले में गाड़े झंडे
बालोद पुलिस ने साइबर अपराध के मामलों में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2021 में जुलाई के बाद से साइबर ठगी जैसे एक भी अपराध दर्ज नहीं हुए हैं यूं कह सकते हैं कि शिकायत भी प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि बालोद पुलिस द्वारा लगातार साइबर अपराध संबंधित जागरूकता फैलाई जा रही है और स्कूल कॉलेजों में भी कैंप लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही चिटफंड कंपनी के डायरेक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया है।
यह बने राजनीति के आदर्श दंपत्ति और बढ़ाया अपना कद
वर्ष 2021 में पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा एक आदर्श नेता के रूप में उभर कर सामने आए और इन्हें अब सर्वमान्य नेता माने जाने लगा है। यह वर्तमान विधायक संगीता सिन्हा के पति हैं इन्होंने संगीता सिन्हा को स्वतंत्र रूप से विधायक के पद पर छोड़ा है और इन्हें एक साथ किसी मंच में नहीं देखा जाता यू कह सकते हैं कि इनका हस्तक्षेप नहीं रहता और इन्होंने अपनी एक अलग छवि बनाई हैं और सर्वमान्य नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं और यह राजनीति के आदर्श दंपत्ति भी माने जाने लगे हैं इन्हें बालोद में अब अपराजेय राजनीतिक दंपत्ति के रूप में देखे जाने लगे हैं।
कोरोना ने छीनी 452 जिंदगियां
वर्ष 2021 में मानो बालोद जिले में आंसुओं का सैलाब ला दिया यह वह 3 महीने थे जब हर तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई थी लोगों के पास ईश्वर की आस्था और डॉक्टरों से उम्मीद के अलावा कुछ नहीं था। इस दौरान डॉ धरती पर भगवान के रूप में नजर आए वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी ने 452 लोगों की जिंदगियां छीन ली और कई परिवार उजड़ गए यह वह दौर था जब लोग ऑक्सीजन बैठ के लिए यहां-वहां भटक रहे थे और रोजाना लगभग 15 जिंदगियां दम तोड़ रही थी। इसके बाद सरकारी तंत्र के सक्रियता और डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से हमने इस भयावह दिन पर काबू पाना शुरू कर दिया और अब जिंदगी सामान्य हैं परंतु हम उन्हें वापस नहीं ला सकते। जिन्होंने इस महामारी के आगे दम तोड़ दिया ईटीवी भारत ऐसे लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जो अब हमारे बीच नहीं रहे।
कोहरा और वो 23 नवंबर की घटना
प्रदेशभर में तेज बारिश के बाद सुबह-सुबह कोहरे से राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। बालोद जिला मुख्यालय के समीप झलमला में तडक़े सुबह 5 बजे घने कोहरे के कारण एक मालवाहक ट्रक और पिकअप में जोरदार भिड़ंत हो गई। झलमला के घोटिया चौक में नेशनल हाइवे 930 पर हुए इस हादसे में 8 लोग घायल हो गए हैं। वहीं तीन घायलों की स्थिति बेहद गंभीर थी। जिन्हें उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया । दुर्घटना के बाद पुलिस को लगभग दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा तब जाकर घायलों को गाडिय़ों से बाहर निकाला जा सका। इस दौरान सडक़ के दोनों ओर बुरी तरह जाम लग गया था।
2021 में जिले में सडक़ दुर्घटना में मौत के आंकड़े
माह दुर्घटना मौत घायल
जनवरी 47 21 73
फरवरी 43 15 42
मार्च। 33 13 27
अप्रैल 22 10 13
मई 20 13 15
जून 22 12 12
जुलाई 17 10 11
अगस्त 25 10 30
सितंबर 25 9 24
अक्टूबर 36 16 25
नवंबर 30 13 32
दिसम्बर 13 8 9
कुल 327 150 314
ये है जिले की सबसे बड़ी दुर्घटना
बालोद जिले में सडक़ दुर्घटनाएं तो कई सारी हुई परंतु इस दुर्घटना ने सब को तोड़ कर रख दिया दरअसल 22 मई को शाम लगभग 5.00 बजे एक कार और एक बाइक में जबरदस्त टक्कर हुई जिसमें लगभग 9 लोग घायल हुए परंतु बाइक सवार एक ही परिवार के 4 लोगों ने बारी बारी दम तोड़ दिया जिसमें से खुमान लाल कोठारी पत्नी गीता बाई कोठारी व उनके दो 6 वर्षीय मासूम बालिकाएं जो की जुड़वा बहने थी जिनका नाम पूर्वी और पूर्वीका था इन्होंने भी दम तोड़ दिया।
सडक़ों के अंधे मोड़ भी बना दुर्घटनाओं का बड़ा कारण
आंकड़े के मुताबिक अधिकतर सडक़ दुर्घटनाएं शराब के नशे में हुई हैं, जिनके कारण उसकी मौत भी हुई है। लगातार सडक़ दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के कारण वे अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। इधर सडक़ों के अंधे मोड़ भी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। जहां वाहनों की स्पीड कम रखी जानी चाहिए, पर वे ऐसी जगहों पर भी लापरवाही बरतते हैं।
सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाने से
यातायात विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकतर सडक़ दुर्घटनाएं नशे की थिति में हुई है, तो बिना हेलमेट वाहन चलाने से सिर में चोट लगने के कारण भी लोग जान गंवा बैठे हैं। ज्ञात हो कि वाहन चालकों को समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाकर वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करने व सामान्य गति में चलाने की समझाइस दी जाती है। नशे में वाहन नहीं चलाने की भी अपील की जाता है, पर भी चालक नहीं मानते
2022 में मुख्यालय को मिलेगा कुछ चटपटा
आने वाले वर्ष 2022 में बालोद जिला मुख्यालय को कुछ चटपटा शाम मिलने वाला है चटपटे से हमारा तात्पर्य यह है कि बालोद शहर के हृदय स्थल पर खूबसूरत गंगा सागर तालाब के किनारे नवीन चौपाटी की स्थापना की जाने वाली है इसका कार्य शुरू हो चुका है और वर्ष 2022 में इसे पूर्ण कर लिया जाएगा नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने बताया कि इसका अनुभव ही अलग होगा और व्यक्तिगत रूप से मैं इस चौपाटी के निर्माण को लेकर काफी उत्साहित हूं इसके साथ ही उन्होंने बताया कि खेल के क्षेत्र में भी हम काफी कुछ कार्य कर रहे हैं इंदौर स्टेडियम में टेबल टेनिस टेबल बैडमिंटन खेल शुरू हो चुके हैं 2022 में इन्हें एक नए रूप के साथ शुरू किया जाएगा।
2021 में मिला पालिका को 3 स्टार रैंकिंग
बालोद जिला मुख्यालय के लिए वर्ष 2021 यादगार वर्ष रहा क्योंकि स्वच्छता के क्षेत्र में बालोद नगर पालिका कोत्से स्टार रैंकिंग मिला नगर पालिका अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने इस इनाम का हकदार उन्हें बताया जो फिल्में उतरकर कार्य करते हैं और इसका जश्न भी उन्हीं महिलाओं के साथ मनाया गया जो सुबह सुबह उठकर शहर के स्वच्छता की जिम्मेदारी निभाते हैं नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने बताया कि स्टार रैंकिंग हमें मिला है परंतु हम इस रैंकिंग को सुधारने के लिए प्रत्येक दिन तक पर हैं और हमें पता है कि आने वाले दिनों में हम एक बेहतर परिणाम तक पहुंच पाएंगे।
तांदूला को संवारने सबको साथ मिलकर आगे आना होगा
साल तो गुजरते जा रहे हैं परंतु बालोद की पहचान जिस जलाशा से है वह आज पर्यंत तक उपेक्षित है इसके लिए सभी दलों को प्रशासन को मिलकर आगे आना होगा कुछ वर्षों पूर्व तांदुला का शताब्दी वर्ष मनाया गया था तांदुला जीवनदायिनी जलाशय है इसका लाभ बालोद जिले सहित अन्य जिलों को भी मिलता है इसके सुरक्षा संरक्षण के लिए सभी को मिलकर आगे आना होगा आंदोलन नदी आज गंदगी से पढ़ती हुई नजर आ रही है और तांदुला जलाशय के ऊपर करोड़ों खर्च करने के बाद भी वहां की स्थिति जस की तस है इन जगहों पर पर्यटन क्षेत्र विस्तार किया जा सकता है इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को प्रशासन को मिलकर आगे आना होगा तब ही इसका उद्धार हो पाएगा।
जल जंगल जमीन से परिपूर्ण पर लाभ मिलेगा कब
बालोद जिला जल जंगल और जमीन से परिपूर्ण हैं परंतु यहां पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अधिक होता है यहां पर वन औषधि से जुड़े कई सारे कार्य किए जा सकते हैं बालोत को बस्तर का प्रवेश द्वार भी माना जाता है परंतु देखरेख के अभाव में यहां की वनस्पतियां नष्ट होती जा रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ेगा कद
आने वाला वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में बालोद जिले का कद बढ़ाने जा रहा है। यहां पर स्वतंत्र रूप से पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना होने जा रही है तो वहीं केंद्रीय विद्यालय जो कि बालोद जिले वासियों का सपना है। इसकी स्वीकृति मिल गई है पर जगह के चयन के अभाव में इसकी न्यू नहीं रखी जा सकती है। वर्ष 2022 में इसकी नींव रखी जाएगी वहीं कृषि विज्ञान केंद्र की भी भवन पूर्ण होने की ओर है जिसका लाभ 2022 में मिलने लगेगा। इसके साथ ही कई सारे महत्वपूर्ण चिकित्सकीय संस्थान है और महिला महाविद्यालय प्रमुख रूप से महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। 2022 में इसका लाभ भी जिले वासियों को मिलने लगेगा वही अर्जुंदा में कृषि महाविद्यालय की नीव भी रखी जाएगी।
गुटबाजी और राजनीति
राजनीति और गुटबाजी एक दूसरे की पूरक होती है परंतु कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए जिले में गुटबाजी को लगभग 0 कर दिया है। भले गुटबाजी मन में हो परंतु यह सभी जनप्रतिनिधि एक मंच पर साथ नजर आते हैं और इनके बीच एक ट्यूनिंग भी देखने को मिलती है। परंतु बात की जाए भाजपा की तो प्रदेश नेतृत्व के जानकारी में होने के बावजूद भी जिले की गुटबाजी को खत्म करने किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2021 में भारतीय जनता पार्टी की जिले में गुटबाजी बड़ी हुई नजर आई। आने वाले समय में विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। इसका स्पष्ट कारण यही है किस जिले में भाजपा विपक्ष के रूप में कमजोर होती नजर आ रही है।
पहली बार साहू समाज ने दिखाया अपना दम
वर्ष 2021 में एक विषय लोगों की जुबान पर रहा जो है भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री प्रमोद जैन द्वारा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े साहू समाज के नेताओं को गाली देना इसका ऑडियो भी वायरल हुआ था। जिसके बाद साहू समाज की एकजुटता देखने को मिली। इसका परिणाम यह निकला कि जिला महामंत्री ने साहू समाज से माफी मांगते हुए अपने जिले महामंत्री का पद छोड़ दिया और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। जब किसी महामंत्री ने अपना पद छोड़ा हो इससे समाज का कद बढ़ा है और समाज में भी कई सारे उठापटक देखने को मिले जो कि राजनीति से प्रेरित है।
अब उम्मीद का 2022
आने वाले वर्ष 2022 में काफी कुछ बदलने वाला है। यह चुनावी वर्ष का होमवर्क कहलाएगा। बालोद पुलिस ने अपनी मंशा स्पष्ट की है कि यदि अपराध पर लगाम लगाना है तो लोगों की सोच में परिवर्तन लाना होगा। इसी के तहत वे जागरूकता अभियान पर फोकस करेंगे। कई सारे प्रत्याशी 2022 में सक्रियता से कार्य करते हुए नजर आएंगे। परंतु जिले के विकास की बात करें तो सभी को एक मंच पर आकर साथ निभाना होगा तभी विकास संभव है।