रायगढ़

फर्जी तरीके से हथियाई जमीन, 11 साल से बेच रहे धान
03-Jan-2022 5:26 PM
फर्जी तरीके से हथियाई जमीन, 11 साल से बेच रहे धान

खरसिया के बरगढ़ सोसायटी में गड़बड़झाला का अजीबो गरीब मामला 

न्याय की आस में एक दशक से भटक रही पीडि़ता भूमि स्वामी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़,  3 जनवरी।
बिना हक अधिकार के महिला की लगभग 25 एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेज बनवाकर हड़प लेने, पटवारी और नायक तहसीलदार से मिलीभगत करके फर्जी ऋण पुस्तिका बनवाकर पिछले 11 वर्षो से टीएसएस बरगढ़ सोसायटी खरसिया में फर्जी तरीके से धान बेचने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। गजब की बात है कि राजस्व मंडल बिलासपुर के आदेश के बावजूद फर्जीवाड़ा करने वालों पर अब तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हो सकी है। जबकि पीडि़ता महिला और उनका पुत्र अब भी न्याय की आस में दर-दर भटक रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार खरसिया के ग्राम लोधिया में पटवारी प.ह.न. 12 तहसील खरसिया स्थित कृषि भूमि खसरा नं. क्र. 57,118।, 150।03, 170।03, 210 रकबा क्रमांक 0.121, 0.113, 4.864, 0.400 हे. भूमि तथा ग्राम सरवानी में पटवारी हल्का नंबर 13 कृषि भूमि खसरा नंबर 20,39,40। 1, 45,199,437, 560। 5.588। 2.887। 2 रकबा 0.648, 0.223, 0.591, 0.368, 0.296, 0.324, 0.688, 0.206, 0.496, 1.214 हे. भूमि कृषक सावित्री देवी पति रामलाल अग्रवाल के नाम पर दर्ज है, तथा बी.1 व पंचशाला खसरा में भी इन्हीं का नाम दर्ज है। उपरोक्त दोनों गांव की लगभग इस 25 एकड़ भूमि पर सावित्री देवी का पिछले 50 वर्षो से मालिकाना हक व कब्जा चला आ रहा है।

कृषक सावित्री देवी के पुत्र डभरा रोड़ खरसिया निवासी सत्यनारायण अग्रवाल ने कूटरचना के इस मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2004 के दौरान खरसिया के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी राम प्यारे देवांगन जो राजस्व अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। उनके द्वारा पटवारी आईआई से मिलीभगत करके उक्त भूमि को भूमि स्वामी सावित्री देवी की जानकारी बगैर सांत कुमार, बसंत कुमार, विजय कुमार व रूपेन्द्र कुमार पिता सालिगराम जाति कलार निवासी ग्राम सरवानी के नाम पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर मिलीभगत करके चढ़ा दिया गया तथा उपरोक्त भूमि पर से वास्तविक भूमि स्वामी सावित्री देवी पति रामलाल अग्रवाल का नाम विलोपित कर दिया गया। यही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत करके कूटरचना करने वाले फर्जी भूमि स्वामियों ने इसी आधार पर ऋण पुस्तिका भी बनवा ली, जिसका क्रमांक 155206 तथा 0166207 है, बनवाकर धान पंजीयन करवाकर टीएसएस बरगढ़ सोसायटी में धान बिक्री करने लगे और रूपये का भी आहरण करते रहे।

इस बात की जानकारी कुछ वर्ष पश्चात वास्तविक भूमि स्वामी को होनें पर पीडि़ता के द्वारा राजस्व मंडल बिलासपुर में पुनरीक्षण याचिका दायर की गई और राजस्व मंडल बिलासपुर के आदेश पर 29 सितंबर 2010 को मंडल के रिकार्ड दुरूस्त करने के आदेश पर कपट पूर्वक उपरोक्त भूमि पर अपना नाम चढ़ाने वालों का नाम विलोपित कर वास्तविक भूमि स्वामी सावित्री देवी का नाम चढ़ाया गया, तथा बी 1 एवं पंचशाला खसरा में भी नायब तहसीलदार खरसिया के द्वारा रिकार्ड दुरूस्त करवाया गया, किंतु इसके बावजूद कूटरचना करने वाले तथा फर्जी तरीके से जमीन हथियाने वाले कथित भूमि स्वामियों पर अब तक न तो कोई एफआईआर दर्ज हो सकी है और न ही उन्हें धान बेचने से वंचित किया गया है।

दूसरी ओर वास्तवित भूमि स्वामी सावित्री देवी को विगत 11 वर्षो से अपने क्षेत्र की सोसायटी में धान बेचने से वंचित रखा गया है। गजब की बात यह है कि पीडि़ता के पुत्र सत्यनारायण अग्रवाल के द्वारा पूरे मामले की जानकारी मय दस्तावेज जिलाधीश रायगढ़, प्रथम न्यायिक दण्डाधिकारी खरसिया को देने के बावजूद अब तक इस संवेदनशील मामले में जांच-जांच का खेल खेला जा रहा है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत राजस्व मंत्री छग शासन जय सिंह अग्रवाल को भी देते हुए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा उनकी माता को बरगढ़ सोसायटी में धान बेचने का अधिकार दिलाने की मांग उठाई है। मीडिया को जानकारी देते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि उनका परिवार न्याय की आस में पिछले 11 वर्षो से भटक रहा है, मगर उन्हें बार बार आवेदन के बावजूद अब तक न्याय नसीब नहीं हो सका है।

लिखित शिकायत नहीं मिली है
एसडीएम खरसिया अभिषेक गुप्ता कहना है कि इस मामले की कोई लिखित शिकायत अब तक उन्हें नही मिली है। जहां तक फर्जी तरीके से धान बेचने की बात है तो इसकी पूरी जानकारी तहसीलदार खरसिया अर्पण कुर्रे से ही मिल सकती है।
 

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