रायगढ़
![हाई वोल्टेज बिजली टॉवर गिरने से 4 की मौत, 3 घायल हाई वोल्टेज बिजली टॉवर गिरने से 4 की मौत, 3 घायल](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16441451281.jpg)
घटना की जांच जारी- एसपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 फरवरी । रायगढ़ जिले के खरसिया से लगे ग्राम सेन्द्रिपली में शनिवर की दोपहर करीब चार बजे टॉवर पर काम कर रहे मजदूरों के साथ हुए हादसे में 4 मजदूरों की मौत तथा 3 मजदूर घायल हो गए। यह घटना शनिवार की दोपहर करीब तीन से चार बजे के बीच उस समय घटी जब ग्राम सेंद्रीपाली में पावर सप्लाई की हाईटेंशन वायरिंग का टावर लगाया जा रहा था, तभी अचानक टावर गिर गया, जिससे तीन मजदूरों की मौके पर पर मौत हो गई और एक की मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इन चार मजदूरों की मौत के अलावा तीन अन्य का इलाज जारी है, जिसमें एक सब इंजीनियर रैंक का अधिकारी भी शामिल है। यहां गोविंद भुइयां, युगल भुइयां, सरेश रविदास और ईश्वरी तुरी ने दम तोड़ दिया, वहीं इस दौरान गोविंद पंडित को गंभीर चोट है। सत्य नारायण को मामूली चोट है। मामले में एसपी अभिषेक मीना ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। विद्युत विभाग के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि इस घटना की जानकारी मिलने के बाद विभाग की तरफ से एक टीम वहां भेजी गई है और ये काम छत्तीसगढ़ विद्युत कम्पनी जो निजी ठेका का काम करती है। उनके मजदूरों के साथ ये घटना घटी है।
वहीं मेडिकल कालेज के एक डाक्टर ने बताया कि अस्पताल में तीन मजदूरों के शव पहले लाए गए थे और उसके बाद उपचार के दौरान एक अन्य मजदूर की मौत हो गई है और पांचवा गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज जारी है।
यह हादसा रायगढ़ खरसिया मार्ग पर स्थित सेन्द्रिपाली के पास हुआ, जहां विद्युत टावर में ठेकेदार के मजदूर काम करते टावर गिरने से घायल हो गए थे। मजदूरों को जिले के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया था, जिनमें तीन शव तथा दो घायल मजदूर शामिल थे। अस्पताल भेजने के बाद कोई भी विद्युत विभाग का अधिकारी या कर्मचारी हताहतों के सहयोग के लिए उपस्थित नहीं था।
घटना के बाद भी नहीं पहुंचे शासन, प्रशासन
खरसिया के ग्राम सेन्द्रिपली पाली में घटी इस घटना का सबसे बड़ा दुखद पहलू यह है कि चार मजदूरों की मौत हो जाने के बाद भी कोई भी बड़ा अधिकारी ना मेडिकल कॉलेज पहुंचा ओर ना जिले विधायक व मंत्री, मेडिकल कॉलेज में चारों मृतकों के शवों को एक कौने में छोड़ दिया गया। झारखंड के इन गरीब मजदूरों के शवों को कफऩ तक नहीं दिया गया। हमेशा बड़ी या छोटी घटनाओं को लेकर सडक़ पर उतरने वाले नेता भी गायब रहे।