बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 मई। सिमगा विकाaसखंड के ग्राम मोहरा में मेमर्स अविनाश एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए जा रहे स्पंज आयरन स्थापना को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहां के लोग धान, दलहन, तिलहन, सब्जी और फलों का उत्पादन करते हैं। ऐसे में प्लांट लगा तो किसानों को नुकसान होना तय है। इससे कृषि क्षेत्र के साथ-साथ फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा, प्रदूषण की समस्या से गांव प्रभावित होंगे।
उल्लेखनीय है कि प्लांट के लिए छह फरवरी को पर्यावरण विभाग द्वारा जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने भी पूरे जोरशोर से विरोध किया था। जिसके चलते जनसुनवाई कार्यक्रम को बीच में ही स्थगित किया गया था। किन्तु आज लगभग साल भर बाद अचानक प्लांट खुलने की सुगबुगाहट होने लगी है। ग्रामीण पुन: एकता का परिचय देते हुए विरोध कर रहे हैं। जिसके लिए गांवों में जनप्रतिनिधियों द्वारा बैठक की जा रही है। जनप्रतिनिधियों, किसान व ग्रामीणों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश देखा जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार कृषि प्रधान जिले में कृषि आधारित उद्योग की स्थापना की प्रतिबद्घता जताई जाती रही है।
किसानों का कहना है कि उनके हितों को ध्यान में रखकर उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि आधारित उद्योग की स्थापना की जाए, लेकिन विडंबना है कि कृषि आधारित उद्योग योजना और प्रतिबद्घता फाइलों में बंद होकर रह गई है। वहीं दूसरी ओर स्पंज आयरन के प्रति पनपा आक्रोश को दबाने का प्रयास भी किया जा रहा है। ग्रामीणों व किसानों की एकजुटता के चलते प्रशासन और स्पंज आयरन प्रबंधन अपने मकसद में सफल हो पाएंगे, हालात देखकर नहीं कहा जा सकता। इनका कहना है कि प्रशासन द्वारा दबाव बनाने का प्रयास किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीण मालिक राम वर्मा, अनिल वर्मा, शेष धुरंधर ने बताया कि इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृषि है। मोहरा क्षेत्र के निवासी धान, दलहन, तिलहन, सब्जी और फलों का उत्पादन करते हैं। यहां आय का प्रमुख स्रोत खेती है। ऐसे में प्लांट लगा तो किसानों को नुकसान होना तय है। इससे कृषि क्षेत्र के साथ-साथ फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा, प्रदूषण की समस्या से गांव प्रभावित होंगे। उद्योग लगने से कृषि कार्यों में, प्लांट से निकलने वाले धुएं, वेस्ट वाटर और अपशिष्ट पदार्थों से कृषि कार्य के साथ-साथ आम जन जीवन प्रभावित होगा। पेयजल सहित विभिन्ना समस्याओं का अंबार प्रकट होगी। एक समय के बाद यहां कृषि कार्य समाप्त हो जाएगा जिससे किसानों के सामने जीवकोपार्जन के लिए आर्थिक समस्या उत्पन्ना हो जाएगी। इसलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक मेसर्स अविनाश एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 28 अप्रैल को ग्रामीणों के विरोध के बावजूद पर्यावरण विभाग से स्पंज आयरन उद्योग के लिए स्वीकृति ले चुके हैं। ग्रामीण शासन से गुहार लगाते हुए अवैधानिक रूप से हुई पर्यावरण स्वीकृति को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।