बिलासपुर

चर्चित डामर घोटाले में चार अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी सरकार ने
23-Aug-2022 5:16 PM
चर्चित डामर घोटाले में चार अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी सरकार ने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बिलासपुर, 23 अगस्त।
बारह सौ करोड़ रुपये के एडीबी सडक़ निर्माण में हुए डामर घोटाले को लेकर दोबारा दायर जनहित याचिका पर शासन की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया है कि इसमें पीडब्ल्यूडी के चार अधिकारियों और कंसल्टेंसी कंपनी के खिलाफ जल्द एफआईआर दर्ज की जाएगी, शासन ने इसकी अनुमति दे दी है। याचिका निराकृत करते हुए कोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता शासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे दोबारा अदालत आने की छूट है। ज्ञात हो कि रायपुर के वीरेन्द्र पांडे ने सन् 2014 में डामर घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने एशियन डेवलपमेंट बैंक से 1200 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें 17 सडक़ों के निर्माण में करीब 200 करोड़ रुपये अधिक का घोटाला किया गया था। 

याचिका में जानकारी दी गई थी कि एक ही बिल लगाकर कई सडक़ों के निर्माण के लिए डामर खरीदी और निर्माण कार्य दर्शा दिया गया था।  अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से इसमें भ्रष्टाचार हुआ। सन् 2019 में इस याचिका को शासन के लिखित आश्वासन के निराकृत कर दिया गया था। शासन के निर्देश पर एडीबी ने तीन अधिकारियों की एक समिति बनाई जिसे एक माह के भीतर घोटाले की जांच करके रिपोर्ट देनी थी। पर यह रिपोर्ट बहुत विलंब से तैयार हुई। 

पीडब्ल्यूडी ने मार्च 2022 में जांच प्रतिवेदन के साथ पत्र लिखकर एसीबी से कहा कि बेमेतरा से मुंगेली तक की बनाई गई 17 सडक़ों में तत्कालीन परियोजना अधिकारी एससी त्रिवेदी, आरवाय सिद्दीकी, जे एम लुलु, कार्यपालन अधिकारी एन के जयंत तथा कंसल्टेंसी फर्म रेनारडेट एसए घोटाले के जिम्मेदार पाए गए हैं, इन पर कार्रवाई की जाए। एसीबी ने इस प्रतिवेदन के आधार पर पुन: जांच की और उक्त अधिकारियों तथा कंसल्टेंट कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी। यह अनुमति नहीं मिली, तब पांडेय की ओर से हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर कर कहा गया कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देर कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। सोमवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को शासन की ओर से बताया गया कि एसीबी को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी गई है। एफआईआर शीघ्र दर्ज की जाएगी।

 

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