बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 15 सितंबर। बालोद जिले में प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल करते हुए बालोद शहर के हृदय स्थल पर कला केंद्र की स्थापना करने जा रही है इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने की ओर है यहां पर यह कला केंद्र सुरमई सपनों को साकार करने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पुराने पड़े पड़े एक लोक निर्माण विभाग के भवन को जीर्णोद्धार कर कला केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह से जब विषय इस विषय पर चर्चा की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बालोद जिला जोकि खैरागढ़ से बेहद करीब है और यहां पर कई कलाएं जिला मुख्यालय में ही उडऩे को मचल रही हैं लेकिन उन्हें एक पर्याप्त मंच और प्रशिक्षण नहीं मिल पाता है इसके लिए इस कला केंद्र की स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री कर सकते हैं उद्घाटन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री आगामी सप्ताह में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत बालोद जिले के दौरे पर रहेंगे एवं जिले के तीनों विधानसभा में प्रतिदिन समय देंगे कयास लगाए जा रहे हैं कि बालोद दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कला केंद्र का उद्घाटन कर सकते हैं शायद इसीलिए युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
स्थानीय सहित देश की विधाओं का प्रशिक्षण
इस कला केंद्र के माध्यम से बालोद जिले के बच्चों को छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति संगीत विधा नृत्य विधा सहित देश की संगीत विधान नेत्र विद्या सहित अन्य विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा बालू जिले के कई ऐसे कलाकार हैं जिनको उचित मंच नहीं मिल पाता और वह बाहर जाकर प्रशिक्षण लेने में असमर्थ रहते हैं इन्हीं बच्चों को देखते हुए इस कला केंद्र की नींव रखी गई है।
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा मील का पत्थर
नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने इस कला केंद्र की स्थापना को बालोद जिले के लिए मील का पत्थर कहा है उन्होंने कहा कि युवाओं के दृष्टिकोण से यह कला केंद्र उनके सपनों के पंखों को खुला आसमान देगा और इस मंच से ही वे आगे की राह ढूंढ पाएंगे।
योग जुंबा पेंटिंग और भी बहुत कुछ
कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां पर युवाओं में जो प्रतिभा है उसे इसके माध्यम से मंच दिया जाएगा इसमें योगा जुंबा पेंटिंग, मिक्सिंग, कुकिंग, रिकॉर्डिंग स्टूडियो क्राफ्ट मेकिंग संगीत नृत्य कई सारी ऐसे कल आए हैं जिनका यहां पर प्रशिक्षण दिया जाएगा यहां स्थानीय प्रशिक्षणार्थी ही बच्चों को प्रशिक्षण देंगे और इसका 80त्न खर्च जो है जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा और प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों से नाम मात्र चार्ज लिए जायेंगे
रोजगार का भी अवसर
कलेक्टर ने एक बात जानकारी देती रे कही कि जिन बच्चों में कलाएं प्रतिभाएं होती है और वे उन्हें कला एवं प्रतिभा को अपने रोजगार के रूप में भविष्य में अपनाना चाहते हैं और यह उनके लिए सबसे सुखद अनुभूति होती है इस कला केंद्र के माध्यम से बच्चे अपने कला को एक सही दिशा दे पाएंगे और उन्हें भविष्य में रोजगार के रूप में अपना भी सकते हैं इसलिए इससे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।