महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 अक्टूबर। जिस प्रकार प्रभु श्रीराम ने गिरि वासियों, वनवासियों को संगठित कर अधर्म और अन्याय के प्रतीक रावण का संहार कर धर्म व सज्जन शक्ति को स्थापित किया। उसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिन्दू समाज के सज्जन शक्तियों को जागृत कर संगठित करने का कार्य करते हुए देश की रक्षा के लिए संकल्पित है। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासमुंद द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सहदेव ध्रुव के हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभ नगर में पथ संचलन के साथ हुआ। भारत माता के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व शस्त्र पूजन के पश्चात् स्वयंसेवकों द्वारा नियुद्ध, भूमि वंदन, यष्टि प्रयोग और समता का प्रदर्शन किया गया। सुभाषित, अमृत वचन, एकल गीत के पश्चात मुख्य वक्ता राजिम विभाग के प्रचारक ठाकुर राम ने कहा कि हमारी धर्म और संस्कृति कितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो, जब तक हमारे पास शक्ति नहीं, उसका कोई औचित्य नहीं है। हमारे पूर्वज हमारी संस्कृति के संवाहक हैं। हमारा इतिहास संघर्षों का इतिहास है। हमें अपनी विरासत को संजोए रखना है, शास्त्र और शस्त्र की शक्ति को पहचानना है जहां शक्ति होती है वही शांति होती है।
इस अवसर पर जिला संघचालक महेश चन्द्राकर, नगर संघचालक भूपेन्द्र राठौड़, प्रांत व्यवस्था प्रमुख घनश्याम सोनी, पूर्व राज्य मंत्री पूनम चन्द्राकर, पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा, चन्द्रहास चन्द्राकर, संदीप दीवान, मोती साहू, प्रदीप चन्द्राकर, निरंजना शर्मा, संध्या शर्मा, राजश्री ठाकुर, येतराम साहू, संदीप घोष, प्रेम चंद्राकर, डॉ.संजीव, समवैचारिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित गणमान्य नागरिक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग, जिला, नगर व खंड के पदाधिकारी और स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। उक्ताशय की जानकारी नगर के प्रचार प्रमुख चन्द्रशेखर साहू ने दी।