दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 4 नवम्बर। कहते हैं प्रतिभा परिचय की मोहताज नहीं होती। इस उक्ति को चरितार्थ किया है, उपसंचालक पंचायत एवं समाज कल्याण, जिला दंतेवाड़ा डॉ. संतोष टोप्पो ने।
डॉ. टोप्पो को कुड़ुख बोली के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु कोलंबिया पेसिफिक वर्चुअल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर में गरिमामय समारोह में डॉ. संतोष टोप्पो को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। गौरतलब है कि इससे पूर्व संतोष टोप्पो को सेंट्रल क्रिस्चियन यूनिवर्सिटी द्वारा 8 अक्टूबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से अलंकृत किया जा चुका है। उन्होंने लोक संगीत के क्षेत्र में करीब 19 वर्षों से सेवा की साधना की है। डॉ. टोप्पो ने जानकारी में बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक शाला में हुई। इसके उपरांत वीरसिंहा के आश्रम में रहकर उन्होंने पूर्व माध्यमिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल से अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र से मास्टर की उपाधियां हासिल की। वर्तमान में गरियाबंद में आईएसबीएम विश्वविद्यालय से पीएचडी के शोध मेंं लग्न है।वर्तमान में भी लोक संगीत चौमुखी विकास पर कार्य कर रहे हैं। वह गीतकार, संगीतकार और गायन में पारंगत है।