गरियाबंद

अब ओबीसी सर्व समाज को चाहिए 27 फीसदी आरक्षण, सीएम के राजिम प्रवास पर रखेंगे मांग
18-Nov-2022 3:41 PM
अब ओबीसी सर्व समाज को चाहिए 27 फीसदी आरक्षण, सीएम के राजिम प्रवास पर रखेंगे मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 नवंबर।
बुधवार को दोपहर 3 बजे शहर के रेस्ट हाउस में अन्य पिछड़ा वर्ग के बड़ी संख्या में सामाजिक प्रमुख पहुंचे और  27 प्रतिशत आरक्षण देने के बात कहते हुए उपस्थित सामाजिक बंधुओं ने जोश खरोश के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजिम आगमन पर प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुलाकात कर मांग रखने की बात कही गई। 

इस मौके पर सभी सामाजिक प्रमुखों ने अपनी-अपनी बात रखी तथा राजिम तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 45 प्रतिशम होने के बाद भी आरक्षण रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है जो कि अभी तक अन्य पिछड़ा वर्ग को मात्र 6 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है जबकि मंडल आयोग की सिफारिश को मानकर वर्ष 1990 में भारत सरकार के द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग को दिया गया है। 

यह देश के विभिन्न राज्यों में लागू भी है, परंतु छत्तीसगढ़ राज्य के एक बड़ी आबादी को उनके हक और अधिकार से लगभग 32 वर्षों से वंचित रखा गया है। छत्तीसगढ़ में अभी तक आरक्षण रोस्टर के अनुसार 31 प्रतिशत अनु. जनजाति वर्ग को 32 प्रतिशत का आरक्षण तथा 12 प्रतिशत अनु. जाति को 12 प्रतिशत का आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ा उच्च वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू है। 

इस रोस्टर के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को मात्र 6 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग का है। मंडल आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का सिफारिश किया गया। सिफारिश किए लगभग 32 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। इन समाज प्रमुखों का साफ कहना था कि छत्तीसगढ़ राज्य में आबादी के अनुपात में आरक्षण रोस्टर को लागू किया जाए जिससे सभी वर्ग  को समान अधिकार मिल सकें। 

उन्होंने आगे बताया कि 8 लाख वार्षिक इनकम धारी अपर कास्ट को 10 प्रतिशत आरक्षण के श्रेणी में रखा है जबकि 8 लाख वार्षिक इनकम धारी अन्य पिछड़ा वर्ग के  व्यक्ति के लिए क्रीमी लेयर कानून लागू है अर्थात उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता इसलिए अन्य पिछड़ा वर्ग से क्रीमी लेयर कानून को भी समाप्त किया जाए। 

इस मौके पर प्रमुख रूप से प्रदेश साहू समाज के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, गरियाबंद सिन्हा समाज से मुरलीधर सिन्हा साहू समाज से राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र साहू, संरक्षक डॉ रामकुमार साहू, जिला पंचायत सदस्य द्वय रोहित साहू, चंद्रशेखर साहू, जितेंद्र सोनकर, कुर्मी समाज से किसान नेता संजीव चंद्राकर, पटेल समाज से जिला अध्यक्ष सोमनाथ पटेल, पूर्व पार्षद भूखंड पटेल, नंद पटेल, यादव समाज से जिला अध्यक्ष दयाराम यादव, पार्षद रिखी राम यादव, पूरन यादव, संतोष यादव, भोले साहू, रामकुमार साहू, निषाद समाज से शरद पारकर, धीवर समाज से राजेश धीवर, सोहन लाल साहू, सत्य प्रकाश मानिकपुरी, देवांगन समाज से सुनील देवांगन, सोहन देवांगन, भुवन साहू, त्रिलोकनाथ साहू, खुमन साहू, राधेश्याम साहू, संतोष कुमार सोनकर, केसर निर्मलकर, राजू साहू फिंगेश्वर सुमन साहू बेलर, राधेश्याम साहू, त्रिलोकनाथ साहू आदि बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोग मौजूद थे।

 

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