गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 22 दिसंबर। जैन धर्म के सबसे पावन एवं शाश्वत तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी झारखंड को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है, जिसके विरोध में सकल जैन समाज का पूरे भारत वर्ष में रोष व्याप्त है। इसी कड़ी में नवापारा राजिंम सहित आसपास के सामाजिक जन एकत्रित हुए उनमें बुजुर्ग, माताएं, बहनें, बच्चे बुधवार को गांधी चौक में एकत्रित होकर एक विशाल रैली के रूप में निकले ,यह रैली गांधी चौक से हटरी बाजार, सदर रोड होते हुए सुभाष चौक ,बस स्टैंड से गंज रोड होते हुए वापस गांधी चौक पहुंची जहां समाज प्रमुखों ने सीएम के नाम तहसीलदार रीमा मरकाम को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर समाज प्रमुख रिखब चंद बोथरा,सुरक्षित जैन, शिखर बाफना, डॉ.राजेन्द्र गदिया,अशोक गोलछा, अजय कोचर, संदीप पारख,पं ऋषभ चंद शास्त्री सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।
भारत बंद के समर्थन में जैन कर्मचारियों ने अवकाश लेकर बंद के समर्थन में शामिल हुए, वहीं छात्रों ने भी स्कूलों से अवकाश लेकर जुलूस में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। समाज में यह पहला मौका है जब सकल जैन समाज के प्रत्येक घर से बच्चे से लेकर बूढ़े और महिला पुरुष हजारों की संख्या में शामिल हुए। नगर में पहली बार देखा गया कि हड़ताल के दौरान जैन समाज का यह जुलूस लगभग एक किमी लम्बा था और मौन होकर चल रहे थे।
रैली में सभी अनुशासन का पालन करते हुए दो दो की लाइन में क्रमबद्ध चल रहे थे। सभी प्राय: एक ही नारा लगा रहे थे कि हम सब ने ठाना है समवेत शिखर बचाना है। इनकी प्रमुख मांगों में 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों की मोक्षस्थल श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज, गिरिडिह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण, पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन / धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ। तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई)दि. 2अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए।