गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 27 फरवरी। बच्चे समाज व देश के उज्ज्वल भविष्य, इस भावी पीढ़ी को एक सही दिशा, समुचित शिक्षा और संस्कार देना आज की अनिवार्यता है। हम सभी आज जो भी हैं, समाज के ही बदौलत हैं। इसलिए अपनी क्षमता का एक हिस्सा समाज के निर्माण में वापस देना हममें से हर नागरिक का कर्तव्य है। उक्त बातें अक्षर फाउंडेशन की ओर से 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में स्थित प्राथमिक शाला बारूला स्कूल में लगभग 72 बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री एवं अन्य उपहार के वितरण कार्यक्रम के दौरान ये विचार अक्षर फाउंडेशन की स्वयंसेविकाओं और विहंगम योग संस्थान की महिला कार्यकर्ताओं ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि व्यक्ति के विकास से ही देश का और तत्पश्चात विश्व का कल्याण संभव है। ईश्वर ने हमारी माताओं को सृष्टि के सृजन का कार्य सौंपा है। बच्चों के विकास में महिलाओं से बेहतर भूमिका भला कौन निभा सकता है? विहंगम योग संस्थान द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर नि:शुल्क आवासीय विद्यालय भी संचालित हैं जो कि हर वर्ष अनेकानेक जरूरतमंद बच्चों को संस्कार और शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ये बच्चे आगे चलकर समाज के अग्रणी जनों के रूप में एक बेहतर भारत की नींव रख रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन सुश्री योगेश्वरी साहू के द्वारा किया गया साथ में ताराचंद साहू, दीपा साहू, कन्हैया तिवारी, किशोर चक्रधारी, कमलेश साहू, सेवती साहू, संतोषी साहू गुरु भाई एवं गुरु बहन भी उपस्थित हुए।
इस पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के बाद बारूला स्कूल के प्राचार्य ध्रुव ने इस आयोजन के लिए अक्षर फाउंडेशन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बतलाया कि हमारे यहां ज्यादातर बच्चे समाज के अतिपिछड़े तबके से आते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम न सिर्फ उनके लिए बहुत मददगार हैं, बल्कि इससे बच्चों का मनोबल भी बढ़ता है और उनके अंदर समाज के प्रति आदर की भावना का विकास होता है। कार्यक्रम के आयोजन में मोती ध्रुव, रितु ध्रुव, कमल कांत सेन, हीरालाल साहू आदि का विशेष सहयोग रहा।