बालोद
हैदराबाद की मेडिकल की टीम ने किया था आईक्यू टेस्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 3 मार्च। बालोद के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की सातवीं की छात्रा नरगिस राज्य शासन की विशेष अनुमति पर दसवीं की परीक्षा दे रही है। यह प्रदेश का पहला मामला है, जहां अपनी विलक्षण प्रतिभा के बल पर कक्षा सातवीं की छात्रा दसवीं की परीक्षा में शामिल हुई। हैदराबाद मेडिकल की टीम ने नरगिस का आईक्यू टेस्ट था, इसके बाद परीक्षा देने की अनुमति मिली।
छत्तीसगढ़ में गुरुवार से कक्षा दसवीं के बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत हो चली है। पहला पेपर हिंदी का था और छात्र एवं छात्राएं खुशी-खुशी परीक्षा हाल से निकली, परंतु बालोद जिले के लिए यह परीक्षा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के कक्षा सातवीं में पढऩे वाली छात्रा नरगिस खान जिसकी उम्र महज 12 वर्ष है, वह शासन के आदेश के अनुसार कक्षा दसवीं की परीक्षा देने पहुंची।
हर कक्षा में 99 प्रतिशत अंक
नरगिस स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल बालोद में छठी कक्षा की छात्रा हैं। उसे हर कक्षा में 99 प्रतिशत अंक मिलते हैं। इतना ही नहीं वह 10वीं कक्षा के गणित को आसानी से हल कर सकती हैं धाराप्रवाह अंग्रेजी भी बोलती है।
नरगिस खान ने अपने क्षमता को देखते हुए दसवीं के परीक्षा दिलाने की मंसा जाहिर की थी और मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग को रखा था, उसकी इच्छाशक्ति को सरकार ने सराहा और उसे कक्षा दसवीं की परीक्षा देने के लिए इजाजत दी। गुरुवार को उसका सपना पूरा हुआ है, और वह कक्षा दसवीं के परीक्षार्थियों के साथ परीक्षा देने के लिए शामिल हुईं। इसके साथ ही यहां पर उन्होंने बताया कि उसे जरा भी असहजता नहीं हुई है।
आगे कठिन विषयों के लिए तैयार
नरगिस ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि हिंदी की परीक्षा काफी अच्छे से गई है और मैंने काफी आसानी से इसे हल किया है। उन्होंने बताया कि किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है।
मीडिया ने पूछा कि आगे कठिन विषयों के लिए कितना तैयार हैं, तो उन्होंने बताया कि आने वाले विषयों के लिए भी मैं तैयार हूं और मुझे विश्वास है कि मैं कक्षा दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर लूंगी।
माता-पिता का विश्वास, टॉप 5 में बनाएगी जगह
नरगिस के माता-पिता ने बताया कि कोरोनाकाल में हमने अपनी बेटी के पढ़ाई के स्तर को समझा, तब से हम लगातार अपनी बेटी को पढ़ाई में स्वतंत्रता दिए हैं और उसकी मर्जी की सभी चीजें कर रहे हैं। पढ़ाई के लिए पूरी छूट है और हमारी बिटिया भी हमारे उम्मीदों पर खरा उतर रही है। माता-पिता ने कहा कि हमें इतना तो यकीन है कि छत्तीसगढ़ में यदि कक्षा दसवीं के परिणाम आते हैं, तो उनकी बिटिया पूरे छत्तीसगढ़ में टॉप फाइव में अपनी जगह जरूर बनाएगी।
15 जून को हुआ था आईक्यू टेस्ट
नरगिस को कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलाने के लिए आईक्यू टेस्ट कराना जरूर था क्योंकि अनुमति के लिए यह जांच जरूरी होता है। जिसके बाद 15 जून को राजनांदगांव में हैदराबाद मेडिकल की टीम ने नरगिस का आईक्यू टेस्ट किया गया।
नरगिस के पिता फिरोज ने बताया कि मेडिकल टीम ने भी माना कि नरगिस दसवीं की परीक्षा दे सकती हैं। इसके बाद जुलाई में जिला मेडिकल बोर्ड ने भी मेडिकल प्रमाणपत्र सौंपा। इन सभी दस्तावेजों को माध्यमिक शिक्षा मंडल भेजा गया था।