दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 4 मार्च। जिले के विभिन्न भागों में ग्रामीणों द्वारा इन दिनों महुआ के फूल का संग्रहण किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा महुआ के फूलों को बीनने में सुविधा हेतु पेड़ के आसपास सूखे पत्तों को एकत्र कर आग लगाई जा रही है।
ग्रामीणों द्वारा लगाई गई आग से छोटी वनस्पतियां और पौधे आग की चपेट में आ रहे हैं। आग से झुलस कर छोटे पौधे नष्ट हो रहे हैं। जिसके फलस्वरूप पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
ग्रामीणों द्वारा पहाड़ों में भी आग लगाई जा रही है। ग्रीष्म काल होने की वजह से आग भीषण रूप ले लेती है।आग की चपेट में जीव-जंतु भी आ रहे हैं। जिससे आग में झुलस कर जीव जंतु असमय काल कल्वित हो रहे हैं। जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगडऩे की आशंका है।
विभागीय प्रयास नाकाम
वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से वनों को आग से बचाने की अपील की जाती है। इसके साथ ही पोस्टर के माध्यम से नागरिकों से वनों को आग से बचाने की अपील की जाती है। परंतु उक्त विभागीय प्रयास असफल सिद्ध हो रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा मार्च के महीने में बड़े पैमाने पर वनों में आग लगाई जाती है। जिससे पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचती है।
विभाग कर रहा प्रयास
इस संबंध मे वन परिक्षेत्र अधिकारी बचेली आशुतोष मांडवा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि वन विभाग द्वारा इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से प्रत्येक गांव में आग से वनों को बचाने की अपील की जा रही है। आग में रोकथाम के तेज प्रयास जारी है। जन सहयोग मिलने पर विभागीय प्रयास परिणाममूलक साबित होंगे।