बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 30 मार्च। बालोद जिले के मां गंगा मैया मंदिर प्रांगण में शक्ति की आराधना के पर्व के महा अष्टमी के अवसर पर बुधवार को कन्या भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां पर लगभग 1200 कन्याओं ने भोजन किया। विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ इस कन्या भोज की शुरुआत हुई और इस कन्या भोज ने एक महिला सशक्तिकरण का पर्याय भी प्रस्तुत किया। शक्ति की आराधना का पर्व है और शक्ति स्वरूपा कन्याओं के भोज के लिए मातृशक्ति ही पर उसने आगे आए, वही, कार्यक्रम के अतिथि भी कन्या शक्ति ही रहे दरअसल मंदिर प्रबंधन का यह विषय था कि इस बार सारा जिम्मा महिला शक्ति ही संभाले की उसी के अनुरूप आज इसका उदाहरण भी देखने को मिला बड़े अनुशासन के साथ कन्या भोज का आयोजन कराया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने परोसा भोजन
मां गंगा मैया मंदिर में कन्या भोजन के लिए जिलेभर सी कन्याएं पहुंचे हुए थे साथ ही यहां पर आसपास की महिलाएं पीले वस्त्र धारण कर कन्याओं को भोजन परोसने में लगे रहे, वहीं जिले के प्रशासनिक प्रमुख कलेक्टर कुलदीप शर्मा की पत्नी पायल चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेणुका श्रीवास्तव, एसडीएम रश्मि वर्मा, एसडीएम शीतल बंसल, प्राची ठाकुर, चांदनी देवांगन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने भी अपने हाथों से कन्याओं को भोजन परोसा कलेक्टर की पत्नी पायल चौधरी ने मंत्रोच्चार के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की और कहा कि बड़ा गर्व हो रहा है कि मैं इस पुनीत कार्य का हिस्सा बन पाई हूं यह हमारी सनातन संस्कृति है और इसका पालन हमें सदैव करना चाहिए अपने विचार धारा में कन्या पूजन को शामिल करना चाहिए।
स्टील की थाली का उपहार
मां गंगा मैया मंदिर में कन्या भोज के पश्चात अतिथियों द्वारा स्टील थाली का उपहार सभी कन्याओं को दिया गया मंत्रोच्चार के साथ कन्या भोज की शुरुआत हुई और इसका उद्देश्य एक प्लास्टिक मुक्त भारत कभी रहा वही मंदिर प्रबंधन के लोगों ने बताया कि यहां पर महिला सशक्तिकरण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संयुक्त योजनाओं का एक समावेश देखने को मिलता है।
दरअसल हम कन्या पूजन इसलिए करते हैं, क्योंकि यह हमारी सनातन संस्कृति में शामिल है, परंतु कन्याओं की सुरक्षा संरक्षण उन्हें शिक्षा से जोडऩा कन्याओं का सम्मान करना यह एक महत्वपूर्ण विषय है।