दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 31 मार्च । महिला व बाल विकास तथा कृषि विभाग द्वारा पोषण पखवाड़े के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं यूनिसेफ के सहयोग से पोषण पखवाड़ा के अवसर पर जिला स्तरीय श्री अन्न, मिलेट्स का प्रचार-प्रसार और लोकप्रियता एवं बाल विवाह रोकथाम विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी एवं फ्रंट लाइन वर्कर को मिलेट्स के फायदे समझाते हुए उन्हें दैनिक जीवन में मिलेट्स को शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश ने बताया कि 20 मार्च से जिले में अन्य विभागों के सहयोग से पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों में पोषण जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के डॉ. श्री जगदम्बा बताया कि पहले पूर्वज श्री अन्न या मिलेट्स का प्रयोग करते थे, लेकिन बदलते समय में घरों में खानपान की शैली बहुत बदल गई है। मिलेट्स को फिर भोजन में शामिल कर पोषण के सभी फायदे लिये जा सकते हैं।
परियोजना अधिकारी श्रीमती संगीता बिन्द ने कहा कि कुपोषण से बचाव हेतु बच्चों, महिलाओं, किशोरियों को पोषण आहार और रेडी टू ईट प्रदान किया जा रहा है। लेकिन इसमें विभाग के साथ समाज के हर व्यक्ति की सहभागिता जरूरी है। उप संचालक कृषि विभाग श्री सूरज पंसारी ने बताया कि पोषण संबंधित व्यवहार और खानपान परिवर्तन में युवा बड़ी भूमिका निभा सकते है। मिलेट्स से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं। युवा जंक फूड को छोडक़र पौष्टिक भोजन और स्वास्थ्य जीवन शैली अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। सहायक संचालक कृषि विभाग ने बताया कि मिलेट्स पचने में आसान होते हैं इसलिए बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिए उपयोगी हैं। इसमें सारे पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं। कम पानी और जमीन में अधिक उपज के कारण यह पर्यावरण के भी अनुकूल है।
यूनिसेफ के जिला समन्वयक विनोद साहू ने बताया कि किशोरावस्था में वृद्धि और विकास तेजी से होता है। इस समय संतुलित आहार लेना जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिले में बड़ी संख्या में किशोर और किशोरियों में आयरन, विटामिन ए, डी और विटामिन बी-12 की कमी देखी गई है।
निधी श्रीवास्तव पिरामल फाउंडेशन एवं तरुण कोराम भोर संस्था ने बताया कि बड़ी संख्या में किशोर नमक, शक्कर और फैट रिच फूड लेते हैं। प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड में कैलोरी बहुत ज्यादा होती है और प्रोटीन और फाइबर बहुत कम होते हैं। इसके कारण युवाओं को उचित पोषण नहीं मिल रहा है। मिलेट्स के माध्यम से युवा संतुलित आहार ले सकते हैं, इसमें सभी सूक्ष्म और बड़े पोषक तत्व मिल जाते है।
इस अवसर पर चाइल्ड लाइन परियोजना समन्वयक शिल्पी शिलानाथ के द्वारा बाल अधिकार चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन सेवा नम्बर 1098 की एवं बाल-विवाह के नुकसान की जानकारी दी गयी ए.एस.आई आशा सिंह के द्वारा साइबर क्राइम, अभिव्यक्ति एप्प, आनलाइन सेफ्टी एवं पुलिस सहायता नंबर 100, घरेलू हिंसा का बच्चों में प्रभाव की जानकारी दी कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के साथ जिले के सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया।