महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 जुलाई। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर झलप.पटेवा क्षेत्र को करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात मिली है। क्षेत्र में स्टॉप डैम निर्माण से किसानों को जहां सिंचाई सुविधा मिलेगी बल्कि किसान कुटीर निर्माण का लाभ भी मिल सकेगा।
कल रविवार को ग्राम बावनकेरा, नरतोरा, सराईपाली, फरफौद, पथर्री में स्टाप डैम का लोकार्पण तथा किसान कुटीर भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अतिथि के रूप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल, बीज अनुसंधान समिति के संचालक दाऊलाल चंद्राकर, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संजय शर्मा, दारा साहू, ब्लॉक अध्यक्ष खिलावन साहू, द्रोण चंद्राकर,आलोक नायक, दीपक साहू, लमकेश्वर साहू, मायाराम टंडन, खोम सिन्हा, माणिक साहू, राजा गंभीर मौजूद थे।
पूजा अर्चना पश्चात संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने स्टाप डैम निर्माण का लोकार्पण तथा किसान कुटीर भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया।
अपने संबोधन में संसदीय सचिव चंद्राकर ने क्षेत्रवासियों को विकास कार्यों की सौगात मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि चेकडैम बनने से किसानों की सिंचाई की समस्या दूर हो सकेगी। वहीं किसान कुटीर भवन निर्माण होने से किसानों को सहुलियत होगी। संसदीय सचिव चंद्राकर ने प्रदेश सरकार को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि अन्नदाता किसानों का सम्मान करते हुए भूपेश सरकार ने अपना वादा निभाया है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार गांव, गरीब, किसान, महिलाओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है। जिससे भूपेश सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने पर केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जा रहे अड़चनों के बावजूद समर्थन मूल्य और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए सर्वाधिक मूल्य में किसानों से धान खरीदा जा रहा है।
उन्होंने किसान कुटीर भवन की महत्ता बताते हुए कहा कि किसान कुटीर भवन में किसानों के लिए एक कमरा बनेगा। एक हाल रहेगा। महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग सर्वसुविधायुक्त शौचालय बनाया जाएगा।
किसान अपने काम से पहुंचते हैंं। बैठने की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में किसानों के लिए ही कुटीर भवन बनाने शासन ने सकारात्मक पहल की है। भवन बनने के बाद किसानों को राहत मिलेगी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सुशीला टंडन, रानी टंडन, व्यास चंद्राकर, फरीद खान, नारायण साहू, रमन ठाकुर,रफीक रजक, तिरिथ राम पटेल, अरूण पटेल, नीत राम सेवक, छंगू लाल नेताम, रियाज मोहम्मद, देवपाल ध्रुव, चिंताराम कुर्रे, अमर दास, शेख हनीफ, तारेंद्र चंद्राकर, धनेश सिन्हा, रिजवान खान, नेतराम सेवक, जहूर सिंग, गजानंद यादव, महबूब खान, डोगेश टंडन, नीलेश साहू, हलीमा बानो, लता ध्रुव, हफीजा बेगम, कुंती कुर्रे, पुरूशोत्तम ढीढी, हेमलाल यादव, रामजी पटेल, गोवर्धन पटेल, टेकराम मन्नाडे सहित ग्रामीणजन मौजूद थे।