महासमुन्द
कलेक्टर से शिकायत, कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 18 जुलाई। समीप के ग्राम पंचायत लाखागढ़ में सरकारी जमीन पर सरपंच द्वारा बगैर अनुमति एवं पंचायत प्रस्ताव के ही निजी तौर पर दुकान निर्माण करने का आरोप ग्रामवासियों ने लगाया है। उक्त मामले में ग्राम सचिव रामावतार ध्रुव से चर्चा का प्रयास किया गया परन्तु उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।
ग्राम लाखागढ़ निवासी अरविंद कोसरिया एवं बेदराम कोसरिया ने उक्त मामले की शिकायत कलेक्टर महासमुन्द से करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम पंचायत लाखागढ़ विखं पिथौरा के सरपंच द्वारा ग्राम की खाली पड़ी सरकारी जमीन पर 8 दुकाने निजी रूप से निर्माण करवा कर उसे बेच कर स्वयम लाभ अर्जित करने की तैयारी में है।
आरोप है कि उक्त भूमि सरकारी है जिस पर स्वयं सरपंच ने अतिक्रमण किया और 8 दुकानों का निर्माण कार्य जारी है। बताया जाता है कि उक्त दुकानों की बिक्री हेतु खरीदारों से अग्रिम राशि भी ली जा चुकी है, जो कि एक जिम्मेदार पद पर आसीन सरपंच के लिए नियमविरुद्ध है। ग्रामीणों ने उक्त अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पानी टंकी हेतु स्थान नहीं, परन्तु बन रही दुकानें
ज्ञात हो कि विगत वर्ष भर से जल आवर्धन योजना के तहत लाखागढ़ ग्राम पंचायतों में नल हेतु कुछ स्थानों पर पाइप लाइन तो बिछाए गए है, परन्तु उसमें जल सप्लाई नहीं होती। इसका कारण बताया जा रहा है कि टंकी निर्माण हेतु पंचायत को जगह नहीं मिल रही है, जिसके कारण पूरी पंचायत में जल आवर्धन योजना के सूखे पाइप खींच कर कनेक्शन दिए गए है। रिक्त सरकारी जमीन पर स्वयं सरपंच द्वारा कब्जा किये जाने से टँकी निर्माण पुन: अटक गया है।