महासमुन्द

काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान ने मनाया तेरहवां स्थापना दिवस, काव्यांश गान का विमोचन
18-Jul-2023 3:21 PM
काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान ने मनाया तेरहवां स्थापना दिवस, काव्यांश गान का विमोचन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 जुलाई।
काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि धनंजय नेताम नीरद संयुक्त कलेक्टर गरियाबंद, संरक्षक काव्यांश थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सौरिन चन्द्रसेन ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में अशोक शर्मा, डा.साधना कसार एवं श्री प्रलय थिटे उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ पश्चात अतिथियों ने काव्यांश गौरव गान का विमोचन किया। इस अवसर पर काव्यांश के संगीतकार आचार्य बी.आर.साहू सेनिवृत्त इंजिनियर के संगीत निर्देशन में खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के शास्त्रीय संगीत तृतीय वर्ष की छात्रा स्वाति जगत, क्षमा साहू एवं खिलेश्वरी साहू ने मनमोहक गान प्रस्तुत किया। काव्यांश गौरव गान कल्याण थाट के गौड़ सारंग राग में निबध्द है। काव्यांश गौरव गान का सृजन संस्थापक भागवत जगत भूमिल ने किया है।

इस अवसर पर विशेष अतिथि की आसंदी से बोलते हुए प्रलय थिटे ने कहा कि काव्यांश अपने आप में एक अद्भूत संस्थान है। जिसके पदाधिकारियों में रंजमात्र भी अहंकार नहीं है। डा. साधना कसार ने कहा कि काव्यांश ने बहुत कम समय में सैंकड़ों साहित्यकारों एवं कलाकारों को समेट लिया है। 

वरिष्ठ साहित्यकार अशोक शर्मा ने कहा कि काव्यांश ने अपने स्थापना के 13 वर्ष वनवास जैसे बिताया और संघर्ष किया है। अब राजतिलक की तैयारी है। काव्यांश ने वह काम कर दिखाया है जो राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों ने भी नहीं कर पाया है। मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए धनंजय नेताम नीरद ने कहा कि काव्यांश उभरते साहित्यकारों एवं कलाकारों को मंच उपलब्ध कराता है। इसके पदाधिकारी अपने आप में अद्भूत हंै। चाहे साबून शिल्प हो, काष्टकला हो,मृदा शिल्प हो,अथवा दुर्लभ वाद्ययंत्र का संकलन हो। मुझे गर्व है कि मैं इस संस्थान का संरक्षक हूं।

काव्यांश का स्थापना दिवस और संरक्षक प्रलय थिटे का जन्म दिवस एक ही दिन पड़ता है। इसलिए भारतीय परम्परा के अनुसार मंगल तिलक लगाकर श्री थिटे का जन्म दिवस मनाया गया। परंपरा के अनुसार नवोदित साहित्यकारों ने अपने चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया।

आज के कार्यक्रम में उमेश भारती गोस्वामी मृदुल, आचार्य बीआर साहू, बन्धु राजेश्वर खरे, भागवत जगत भूमिल, सुरेन्द्र मानिकपुरी, जयराम पटेल पथिक, डी बसन्त साव साहिल, महन्त पोखन दास, द्रौपती साहू सरसिज, श्लेष चन्द्राकर, पुष्पा गजपाल पीहू, दिनेश चन्द्राकर चारुमित्र, सुरेश चन्द्राकर स्वप्निल, जगन्नाथ ध्रुव जयनील, डॉ.वृन्दावन पटेल मुरली, अंजू सोनछत्र, शफीक अहमद खान बेबाक, हेमू पटेल पार्थिव, काव्यांश भूमिल, स्वाति जगत, खिलेश्वरी साहू विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन काव्यांश के सचिव पुष्पलता भार्गव सुनंदा ने तथा आभार प्रदर्शन जयराम पटेल पथिक ने किया।
 

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