दन्तेवाड़ा

परियोजना के विभिन्न कार्यस्थलों पर विश्वकर्मा की स्थापना, पहाडिय़ों पर घूमने हजारों उमड़े
17-Sep-2023 10:38 PM
परियोजना के विभिन्न कार्यस्थलों पर विश्वकर्मा की स्थापना, पहाडिय़ों पर घूमने हजारों उमड़े

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बचेली, 17  सितंबर। लौह नगरी बचेली व किंरदुल में सृष्टि के रचियता देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती 17 सितंबर, रविवार को बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एनएमडीसी बचेली परियोजना के विभिन्न कार्यस्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधानपूर्वक पूजा किया गया।

बचेली परियोजना के निक्षेप क्रं. 5 एवं 10, 11 अ के लोडिंग प्लांट, स्क्रीनिंग प्लांट, क्रसिंग प्लांट, खनन, ऑटो वर्कशॉप, केन्द्रीय कर्मशाला भवन, नर्सरी विभाग, विघुत विभाग, सिविल विभाग में भगवान विश्वकर्मा विराजित हुए। नर्सरी विभाग में सिविल विभाग के अधिकारी कर्मचारी व ठेकेदार हवन पूजा में शामिल हुए।

 सभी जगहो पर भव्य व आकर्षक पंडाल का निर्माणकर मूर्तियां स्थापित की गई थी। केन्द्रीय कर्मशाला में जी20 आधारित थीम पर श्रीकृष्ण  भगवान को गोवर्धन पर्वत उठाये हुए मॉडल बनाया गया था। नर्सरी में चंद्रयान 3 का मॉडल दर्शाया गया था वही लोडिंग प्लांट में बस्तर संस्कृति से जुड़ा मुर्गा लड़ाई को दिखाया गया था। साथ ही कई स्थानों पर अंतरिक्ष में भारत की कीर्तिमान चंद्रयान 3 का आकर्षक मॉडल बनाया गया था।

हमारे हिंदू धर्म में विश्वकर्मा को दुनिया के पहले अभियांत्रिकी व वास्तुकार के रूप में माना जाता है। इसलिए दोनो परियोजना के हर विभाग में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान पूर्वक पूजा किया जाता है।

बैलाडिला की पहाडिय़ो पर घूमने के लिए एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा साल में एक बार विशेष छूट दी जाती है। इस दिन का भरपूर फायदे उठाते हुए बचेली किरंदुल के अलावा धमतरी, दुर्ग, रायपुर के अलावा पड़ोसी जिले आंधा्रप्रदेश, उड़ीसा, तेलंगाना, महाराष्ट्र से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। नगर से करीब 25 किमी दूर आकाशनगर में घूमने लोगो का हुजुम उमड़ पड़ा। पूरा माहौल मेले की तरह था।

विश्वकर्मा पूजा में सुरक्षा की दृष्टि से दुपहिया वाहनो का हॉकी मैदान से आगे का प्रवेश वर्जित था। परियोजना क्षेत्र में जाने के लिए केवल चार पहिया वाहनो की अनुमति दी गई थी।

सीआईएसएफ चेक पोस्ट बचेली से आकाशनगर डिपाजिट 5 तक तथा किंरदुल बस स्टेंड से कैलाशनगर तक जाने के लिए प्रबंधन द्वारा बस की व्यवस्था की गई थी। दोपहर 1.30 बजे तक बस को खदान जाने क्षेत्र की जाने की अनुमति थी। विश्वकर्मा पूजा में बैलाडिला क्षेत्र में पर्यटको की संख्या हर वर्ष दोगुनी होती जा रही है। मौसम साफ होने के कारण बैलाडिला की हसीन वादियो को अपने कैमरे में कैद करने में पीछे नही रहे लोग। 

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news