दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 9 अक्टूबर। वन परिक्षेत्र बचेली के अस्थायी पौधारोपण क्षेत्र ग्राम नेरली में वन विभाग द्वारा वन एवं अस्थायी जलवायु परिवर्तन विभाग के निर्देशानुसार आयेाजित वन्य प्राणी सरंक्षण सप्ताह का समापन रविवार को हुआ।
इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उपस्थित छात्रों एवं अन्य को वन, वन्य प्राणी एवं जलवायु परिवर्तन के विषय में जानकारी दी। जिसके बाद छात्रों को सडक़ किनारे बंदरों को बाहरी खाद्य पदार्थ खिलाने पर होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया गया।
सर्प मित्र अमित मिश्रा ने बच्चों को पर्यावरण वन्य जीवो जंगल को बचाने और उनके फायदे के बारे में बताया। कहा कि धरती और समुद्र में 300 प्रकार के सांप पाये जाते हैं, सभी जहरीले नहीं होते हैं। कोबरा, करैत, रशेल वाइपर की दो प्रजाति इसमे सबसे ज्यादा जहर होता है, सांप को न मारे। छात्रों को सांपों का डैमो करके भी दिखाया गया। भांसी के प्री मैट्रिक छात्रावास के छात्रों को नरेली के नर्सरी का भ्रमण कराया गया।
मुख्य मार्ग नेरली घाट में राहगीर बंदरो ंको खाद्य पदार्थ देते हैं, जिसके कारण बंदर कुपोषित हो रहे हैं, साथ ही वाहन चालकों को भी दिक्कतें आती हंै। साथ ही दुर्घटनाएं होने की भी आशंका बढ़ गई है।
कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा, बिलासपुर से आये अक्षय अलकारी, अमित मिश्रा, मनोज कुमार, वन विभाग के अनंत भोयार, सीताराम नाग, बेलचंद नाग, हेमलाल मांझी, भानुशंकर कश्यप, सौहादरी धु्रव, अनिता कुजूर, राजेश कर्मा, कपूर चंद पटेल, रामकृष्ण बैरागी, संदीप दीक्षित, फकरे आलम एवं अन्य उपस्थित रहेे।