बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 नवंबर। जिले में विधानसभा चुनाव संपन्न शांतिपूर्वक कराने में पुलिस कर्मियों और सीआरपीएफ के जवानों की प्रमुख भूमिका रही।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि पिछले साल के कुल 3,912 की बजाय इस पूरे साल में अभूतपूर्व संख्या में अब तक 20 हजार 921 लोगों पर और आचार संहिता दौरान 2,818 लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयां हुई। इससे सामाजिक तत्वों और गड़बड़ी करने वाले लोगों में एक कड़ा संदेश गया कि उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
चुनाव के एक दिन पूर्व तक असामाजिक तत्वों व गुंडा बदमाशों की कड़ी निगरानी की गई और थानावार परेड निकाली गई। कई लोगों क खिलाफ पुलिस द्वारा जिला बदर के प्रकरण बनाए गए। छह को जिला बदर किया गया और दो पर रासुका लगाकर कार्रवाई हुई। आचार संहिता दौरान 1158 वारंटी को प्रदेश के अलग-अलग जिलों और दूसरे प्रदेशों से भी लाकर कोर्ट में पेश किया गया। इन का सीधा असर चुनाव के दौरान देखने को मिला, पूरे जिले में चुनाव के दिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पेट्रोलिंग और पुलिस टीम के शिकायत स्थल पर त्वरित पहुंचने से विवाद बढऩे से पहले ही शांत करा लिया गया। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निजात अभियान जिसके तहत इस साल फऱवरी माह से अवैध नशा विशेषकर ड्रग्स और अवैध शराब के ऊपर लगातार कार्रवाई से नशे के व्यापार पर अंकुश लगा, साथ ही साथ सार्वजनिक जगहों पर शराब पीकर हुडदंग करने वाले लोगों पर रोक लगी। पूर्व में यह देखा गया कि चुनाव के दिन और उसके पूर्व ऐसे तत्व शराब सेवन कर बदमाशी करते थे। इस बार वे पूरी तरह से गायब थे। पुलिस ने आचार संहिता दौरान रिकॉर्ड 19,933 लीटर और पिछले साल के 6,371 लीटर के बजाय ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इस वर्ष में अब तक 36,980 लीटर अवैध शराब जब्त कर सैकड़ों अवैध कारोबारियों को जेल भेजा। पिछले पिछले 2018 के आचार संहिता जिसमें 1 लाख 11 हजार 390 मूल्य कैश व सामान जब्त हुआ था। इस बार आचार संहिता दौरान पुलिस और निर्वाचन की टीम द्वारा रिकॉर्ड 3.66 करोड़ के सामान सहित 1.40 करोड़ कैश सहित जब्ती की गई। पुलिस अधीक्षक ने शांतिपूर्वक चुनाव ने अधिकारियों, कर्मचारियों को शांतिपूर्ण चुनाव तथा वीआईपी बंदोबस्त के लिए बधाई दी।