बिलासपुर
जनसंघर्ष समिति ने दी चेतावनी-इससे एयरपोर्ट पर यात्री कर और सभी चार्जेस बढ़ेंगे
बिलासपुर, 17 दिसंबर। हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने बिलासपुर एयरपोर्ट का पूर्ण स्वामित्व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हस्तांतरित किये जाने के सुझाव पर आपत्ति दर्ज की है। समिति ने कहा है कि एएआई सभी एयरपोर्ट्स का निजीकरण कर रही है, और इससे बिलासपुर भी नही बचेगा। निजीकरण होने से एयरपोर्ट पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के चार्जेस बढ़ जायेगे और सबका बोझ हवाई यात्रियों पर आएगा। एक नये एयरपोर्ट को विकसित और सफल करने के लिये सभी चार्जेस और किराया यथासंभव कम होना चाहिए अन्यथा इसके विकास पर विपरित प्रभाव पड़ेगा।
हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति जो पिछले चार साल से इस मुद्दे पर आंदोलनरत है। समिति ने कहा कि एयरपोर्ट निर्माण और संचालन कोई रॉकेट साइंस नहीं है और राज्य सरकार इस कार्य में सक्षम है। छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र की तर्ज पर एक पृथक सरकारी कंपनी नये एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन के लिये बनाई जा सकती है अन्यथा सीएसआईडीसी या पर्यटन मण्डल को जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें 2-3 सक्षम विशेषज्ञों की नियुक्ति करनी होगी। यह कंपनी राज्य सरकार की तरफ से बिलासपुर ही नहीं अंबिकापुर और जगदलपुर हवाई अड्डों का संचालन कर सकती है। भविष्य में हवाई यात्रा बढऩे के कारण यह राज्य सरकार के लिये आय का एक नया स्त्रोत भी होगा। विकल्प के रूप में राज्य सरकार और एएआई मिलकर एक संयुक्त उपक्रम का भी गठन कर सकते हैं।
हवाई सुविधा संघर्ष समिति का महाधरना जारी है। यह मांग शनिवार को रखी गई, जिसमें महापौर रामशरण यादव व सुदीप श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य शामिल थे।