दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 17 दिसंबर । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा, के अलावा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुकमा, बीजापुर के व्यवहार न्यायालय में तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बचेली के साथ-साथ तीनों राजस्व जिला- दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर के न्यायालयों में एक साथ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय होता, के निर्देशानुसार इस लोक अदालत के लिए कुल 11 खंडपीठ का गठन किया गया था। सभी न्यायालयों में प्री-लिटिगेशन के मामले जैसे- विद्युत, नल जल, बीएसएनएल एवं राजस्व न्यायालयों के मामलों को मिलाकर 7260 प्रकरण रखे गये थे। जिनमें से 5313 मामले निराकृत हुए, जिसमें प्री-लिटिगेशन के कुल-17,02,044 रुपये राशि का अवार्ड पारित किया गया ।
इसी प्रकार सभी न्यायालयों में लंबित नियमित मामले कुल 1446 रखे गये थे, जिनमें से कुल-1250 मामलों का निराकरण करते हुए कुल 1,96,21,597 रुपये राशि का एवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार सभी मिलाकर इस लोक अदालत में कुल- 8706 प्रकरण रखे गये थे जिसमें से कुल-6563 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 2,13,23,641 रूपये का अवार्ड पारित किया गया । उक्त लोक अदालत वर्चुअल एवं भौतिक दोनों रूप में आयोजित किया गया था।
राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण दंतेवाड़ा के खंडपीठ क्रमांक 1 के पीठासीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विजय कुमार होता के न्यायालय के मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में कुल 7 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल राशि 1,03,20,000 रुपये का अवार्ड पारित किया गया।
संतोष कुमार तिवारी, न्यायाधीश, परिवार न्यायालय दंतेवाड़ा के न्यायालय से 2 प्रकरण का निराकरण करते हुए 5500 का अवार्ड पारित किया गया।
प्रवीण कुमार प्रधान, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दंतेवाड़ा के न्यायालय से 2 प्रकरण का निराकरण करते हुए 44,00,000 का अवार्ड पारित किया गया। शान्तनु कुमार देशलहरे, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नक्सल कोर्ट, दंतेवाड़ा के न्यायालय से 3 प्रकरण का निराकरण करते हुए 30,55,609 का अवार्ड पारित किया गया।
शैलेश शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी, दंतेवाड़ा के न्यायालय से कुल-01 प्रकरण का निराकरण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बचेली के द्वारा भी अधिक से अधिक मामले इस लोक अदालत में राजीनामा हेतु रखे गये थे और 1235 नियमित प्रकरणों का निदान किया गया।