दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 31 दिसंबर। दंतेवाड़ा में बड़े नक्सली हमलों के बावजूद भी नकुलनार -श्याम गिरी- बचेली सडक़ आज भी अधूरी है। इसके फलस्वरुप इस सडक़ में आवागमन खतरों भरा सफर साबित हो रहा है।
घाट में सडक़ गायब
इस सडक़ के दौरान करीब 3 किलोमीटर लंबा खतरनाक घाट शामिल है। इसे खुंटेपाल घाट के नाम से जाना जाता है। घाट के क्षेत्र में रपटे के ऊपर करीब 2 मीटर सडक़ गायब हो चुकी है। इस स्थान पर सडक़ का डामरीकृत हिस्सा पूर्णतया उखड़ चुकी है। जिससे इस स्थान से दोपहिया वाहन के आवागमन में मशक्कत करनी पड़ती है। यह स्थान दुर्घटना संभावित स्थान के रूप में जाना जाता है।
सडक़ की पटरी का अभाव
इस सडक़ के दौरान घाट के दौरान रपटे के आगे सडक़ की पटरी खुद कर छोड़ दी गई थी। विभागीय लापरवाही की पराकाष्ठा है कि इस स्थान पर सडक़ की पटरी को आज तक नहीं भरा जा सका है। जिससे करीब 10 मीटर सडक़ अत्यधिक संकीर्ण हो गई है। इसके परिणामस्वरूप जिससे दो वाहनों की पासिंग असंभव है। इसी कड़ी में पटरी के अभाव में हादसे की आशंका बनी रहती है।
पुलिया के समीप कटी सडक़
इस सडक़ के दौरान किलोमीटर 15/6 के समीप निर्मित पुलिया के इर्द-गिर्द भी 2 मीटर सडक़ कट चुकी है। पानी के बहाव की वजह से सडक़ का कटाव हुआ। विभाग द्वारा स्थायी समाधान करने के स्थान पर अस्थाई बोरियों की सहायता से सडक़ के कटाव को रोका। इसकी वजह से भी सडक़ में दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
बड़े नक्सली हमले की साक्षी
इस सडक़ के दौरान नक्सलियों ने दो बड़े हमले किए थे। वर्ष 2014 में थाना प्रभारी कुआंकोंडा शीद विवेक शुक्ला के दल पर हमला शामिल है। जिसमें दिवंगत थाना प्रभारी सहित चार जवान शहीद हुए थे। उक्त हमला घाट के इलाके में किया गया था।
इसी कड़ी में वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमाराम मंडावी के काफिले पर बड़ा हमला किया गया था, जिसमें तत्कालीन विधायक अंगरक्षकों समेत शहीद हो गए थे। श्यामगिरी से पूर्व जिस स्थान पर नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट किया था, वहां पर बने गड्ढे को आज तक डामरीकृत नहीं किया जा सका है।
जानकारी ली जाएगी - ईई
इस गंभीर मुद्दे पर ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता द्वारा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता शिवलाल ठाकुर को जानकारी दिए जाने पर उन्होंने कहा कि सडक़ के मरम्मत हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा।