दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 जनवरी। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के भूगोल एवं भूविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 3 जनवरी से प्रायोजित रिमोट सेंसिंग एवं जीआयएस पर कार्यशाला प्रारंभ हुई।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं अतिथियों के स्वागत द्वारा हुआ। उद्घाटन सत्र में माखनलाल देवांगन एव हितेश मालागर, छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंडटेक्नोलॉजी से विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित हुए। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. एमए सिद्दीकी ने की। सत्र के प्रारंभ में भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीनिवास देशमुख ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी एवं अतिथियों का परिचय श्रोताओं से करवाया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सिद्दीकी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों के कौशल विकास एवं रोजगार के अवसरों की वृद्धि में रिमोटसेंसिंग एवं जीआरएस की उपयोगिता के महत्व को बताया एवं कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
उद्घाटन सत्र के पश्चात प्रथम वक्ता के रूप में माखनलाल देवांगन ने में रिमोटसेंसिंग एवं जीआयएस के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात हितेशमालागर ने में रिमोटसेंसिंग एवं जीआयएस पर अनुप्रयोगों पर चर्चा की।
प्रथमदिन के प्रयोगात्मक सत्र में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को भुवन पोर्टल में पंजीकरण एवं भुवनपोर्टल से किस प्रकार डाटा प्राप्त किया जाए, इस बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। अंत में भूगोलविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रयोगात्मक सत्र महाविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के लैब में संचालित किया गया। इसके संचालन में कंप्यूटर साइंस विभाग एवं आईटी के प्राध्यापकों का सराहनीय योगदान रहा। इस कार्यशाला में भूगोल एवं भूविज्ञान विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थी एवं दोनों विभागों के अतिथि व्याख्याता सम्मिलित हुए।