खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

मजदूरों को दी कानून की जानकारी
08-Jan-2024 4:32 PM
मजदूरों को दी कानून की जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 8 जनवरी।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व अध्यक्ष आलोक कुमार कश्यप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार , चन्द्र कुमार कश्यप अध्यक्ष तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा रविवार को ग्राम धौराभांठा के रोजगार गारंटी कार्य स्थल पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। 

पैरालीगल वालंटियर गोलूदास द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के संबंध बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम सामान्यता यह देखा जाता है कि बालक का मस्तिष्क वैसा परिपक्व नहीं रहता है जैसा एक वयस्क करता है, इसलिए उन लोगों को व्यसक अपराधियों से अलग करने के लिए यह प्रावधान किया गया है। इसमें समय- समय में संशोधन होते रहते हैं जैसे निर्भया केस के बाद एक संशोधन हुआ भारतीय दंड संहिता यह उपबंध करती है कि 7 वर्ष से कम उम्र के बालक अपराध नहीं कर सकते और 7 से 18 वर्ष तक के बालकों का जो जांच होता है वह किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत होता। 

अब इसी में निर्भया केस के बाद 16 से 18 वर्ष के बच्चों के बारे में और चिंतन करके उनकी परिस्थिति क्या है, उनकी मानसिक स्थिति क्या है, अपराध करने के लिए किस प्रकार की उनकी क्षमता थी, उनको देखते हुए एक मनोवैज्ञानिक राय लेने के बाद उसका विचारण या तो किशोर न्याय बोर्ड में किया जाए या तो फिर बालक न्यायालय में पेश किया जाएगा, इसका प्रावधान किया गया।

इसका उद्देश्य है कि बालकों को पुन: समाज में मिलाना उनको मानसिक रूप से इस लायक बनाना कि वह आकर पुन: समाज मिल सके या संप्रेक्षण गृह या अन्य गृह जहां विधि संगत किशोरों को रखा जाता है, वहां ऐसा माहौल प्रदान किया जाना कि वह अपने आप में सुधार ला सके और आगे भविष्य में जो अपराध किए हैं उसका दोहराव ना करें। लोक अदालत के फायदों के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई।  

शिविर में ग्राम धौराभांठा के ग्रामीणों द्वारा कानून के विभिन्न प्रावधानों को लेकर जानकारी प्राप्त की गई। इस मौके पर व्यवहार पीएलवी साहू ने शिविर में आयोजित ग्रामीणों को न्याय प्रक्रिया में आ रही मुश्किलों और प्रश्नों को भी सुना और उनका सामाधान बताया गयाष जानकारी देते हुए साहू ने कहा कि यदि कहीं कोई समस्या है तो उसका समाधान होता है।

आवश्यकता इस बात की है कि उसकी जानकारी हमें होनी चाहिए। अगर लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होगी तो उसका लाभ अवश्य उठा सकते हैं. जिससे लोगों को न्यायालय तक पहुंचने की नौबत नहीं आती है। साथ ही पॉक्सो एक्ट, टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, भरण पोषण अधिनियम आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

उक्त शिविर को सफल बनाने ग्राम सरपंच उषा बाई वर्मा, सचिव, रोजगार सहायक, पंचगण व ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
 

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