खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

विवेकानंद जयंती पर विचार गोष्ठी
13-Jan-2024 8:53 PM
विवेकानंद जयंती पर विचार गोष्ठी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 13 जनवरी।
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय में विवेकानंद जयंती के अवसर पर युवाओं के प्रेरणा स्रोत विवेकानंद जी विषय पर विभाग स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन विद्यार्थियों द्वारा किया गया। 

सर्वप्रथम स्वामी जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ मंगलानंद झा ने कहा की स्वामी विवेकानंद जी का जीवन दर्शन आज के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है। आज युवाओं का अधिक समय इंटरनेट, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम , दूरसंचार में ही समाप्त हो जा रहा है। युवा वर्ग वास्तविक पुस्तकों और मूल ग्रन्थ के अध्ययन से दूर होते जा रहे हैं और इंटरनेट के माध्यम से अपना संपूर्ण ज्ञान हासिल करने की चेष्टा करते हैं जो निराशाजनक स्थिति की और इंगित करता है। पुस्तक पढऩे से प्रेरणा मिलती है और ज्ञान का प्रकाश फैलता। है लिखने के लिए पढऩा और वक्तव्य के लिए सुनना आवश्यक है, जिसकी कमी आज युवाओं में देखने को मिल रहा है। 

डॉ.चैन सिंह नागवंशी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी विश्व युवा शक्ति के मूल प्रतिबिंब है। विवेकानंद जी सत्य को ही ईश्वर का प्रतिरूप मानते थे। गीता के निर्देशों के अनुरूप ही स्वामीजी ने विश्व समुदायों को दृढ़ इच्छा शक्ति परिश्रम और मंजिल को एकाग्रचित से लक्षित करने को प्रेरित किया। शोधार्थी प्रशांत चौरे ने कहा की विवेकानंद जी भारत के महान आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक थे। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस जी थे जिनके निर्देशों को स्वामी जी ने अक्षरस: अपने जीवन में उतारा। 

उन्होंने हिंदू धर्म को विश्व धर्म की पंक्ति में खड़ा करने में अग्रणी भूमिका निभाई। एमए की छात्रा वर्षा यादव ने स्वामी विवेकानंद जी का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी। आरती लाठिया ने स्वामी विवेकानंद जी के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संगत सदैव अच्छे लोगों से करनी चाहिए क्योंकि अच्छी संगति भी सफलता के कारण बनते हैं। 

इस अवसर पर वर्षा यादव ने महिषासुर मर्दिनी देवी का स्तुति प्रस्तुत किया जो सराहनीय था। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी समीक्षा जैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि इंसान अपनी किस्मत खुद बनाते हैं और मजबूत बनते हैं, जो किस्मत पर भरोसा करके शांत बैठे रहते हैं वे लोग कायर होते हैं। इस अवसर  पर डॉक्टर मंगलानंद झा, डॉक्टर चैन सिंह नागवंश, प्रशांत चौरे, समीक्षा जैन, वर्षा यादव, आरती लाठियां, लक्ष्मी नारायण वर्मा, वंदना वर्मा सहित विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news