दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 22 जनवरी। जिला दन्तेवाड़ा को राज्य भर के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी मिली। जिले की टीम द्वारा संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट से संबंधित प्रशिक्षण राज्य भर के संबंधित कर्मचारियों को दिया गया।
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार व माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के आदेशानुसार 28 फरवरी 2022 से सडक़ दुर्घटना में घायल लोगों केा त्वरित रूप से क्लेम दिलाकर राहत देने हेतु बडी महत्वाकांक्षी योजना के रूप में पूरे भारत देश में सम्पूर्ण रूप से संशोधित केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम/आई.आर.ए.डी. योजना लागू किया गया था।
पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा गौरव राय व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर.के. बर्मन के निर्देश पर इस कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन हेतु पर्यवेक्षण अधिकारी यातायात के.के. चन्द्राकर के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस दिशा में कार्य प्रारंभ किया गया था।
इस अवधि में लगभग शतप्रतिशत प्रकरणों को निर्घारित समय सीमा के भीतर माननीय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में पेश करना सुनिश्चित करते हुये पूरे राज्य स्तर पर अव्वल नंबर पर रहा।
ज्ञात हो कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार मोटर वाहन दुर्घटना में घायल /मृत हुये पीडि़त पक्ष को तत्काल राहत देने व गौर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निमग और अन्य सिविल अपील नंबर 9322/2022 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 15 दिसम्बर 2022 को पारित निर्णिय में केन्द्रीय मोटरयान (पांचवा संशोधन) नियम, 2022 का प्रभावी क्रियान्वयन किये जाने संबंध में निर्देश दिये थे। जिसके बाद राज्य में जिला- दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा के द्वारा 20 जून 2023 से घटित होने वाली समस्त सडक़ दुर्घटना प्रकरणों का 48 घंटे के अंदर शत प्रतिशत मामलों को समय सीमा के अंदर माननीय न्यायालय में पेश किया गया ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ राज्य में दन्तेवाड़ा एक मात्र जिला रहा। परिणामस्वरूप दंतेवाड़ा द्वारा की गई कार्यवाही से प्रभावित होकर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के जिलों केा प्रशिक्षित करने का जिम्मा पुलिस मुख्यालय रायपुर के द्वारा जिला- दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा को दिया गया।
उक्त प्रशिक्षण दिनांक 19 एवं 20 जनवरी को दंतेवाड़ा की टीम के द्वारा पीटीएस माना में दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटना घटित होने के पश्चात् विवेचना अधिकारी के दायित्वों का विस्तृत जानकारी देते हुये निर्धारित समय सीमा (48घंटे,50दिन,90दिन) के अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी दिशानिर्देश में प्रारूप 01 से 10 तक की सम्पूर्ण जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से (गूगल शीट) सॉफ्टवेयर बनाया गया। जिसके उपयोग के माध्यम से इस कार्य को आसान व सुलभ करने का प्रयास किया गया। दावा अधिकरण में पेश होने वाले वाहन दुर्घटना प्रकरणों का सफल निपटान को देखकर राज्य स्तर पर पुलिस मुख्यालय रायपुर के द्वारा जिले को मिली प्रशंसा ने जिले को गौरान्वित किया है।