महासमुन्द
महासमुंद,12 फरवरी। विकासखंड स्तरीय एसएमसी एवं एसएमडीसी प्रशिक्षण का आयोजन नवकिरण में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ कमल नारायण चंद्राकर डीएमसी ने एपीसी विद्या साहू, एपीसी संपा बोस, धरम महानंद प्राचार्य सोरिद, ओम प्रकाश चंद्राकर सरपंच बरेकेल, बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर किया।
मास्टर ट्रेनर नीलकंठ यादव डीआरजी, राधे श्याम साहू बीआरजी, अर्चना तिवारी बीआरजी ने विकासखंड के समस्त संकुलों से एक शिक्षक, बहुधा एक शाला प्रबंधन समिति के सदस्य तथा उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से एक शिक्षक तथा एक शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्य को प्रशिक्षित किया।
कार्यशाला में पालकों की सजकता, स्कूलों में सहभागिता पर चित्र के माध्यम से चर्चा की गई। एसएमसी तथा एसएमडीसी के गठन, बैठकों का आयोजन, एजेंडा स्वाट एनालिसिस, सीखने सिखाने की बेहतर भूमिका पर चर्चा की गई।
डीएमसी श्री चन्द्राकर ने कहा कि स्कूल के विकास में शाला प्रबंधन समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि हम जागरूक होकर सही-सही वार्षिक कार्य योजना, शाला विकास योजना, मिशन स्टेटमेंट बनाएं तो स्कूल का विकास बेहतर होता है। एपीसी विद्या साहू ने कहा कि विकासखंड पर प्रशिक्षण प्राप्त कर संकुल और स्कूल स्तर के प्रशिक्षण को व्यवस्थित किया जाना है।
जागेश्वर सिन्हा बीआरसीसी ने कहा कि शाला प्रबंधन समिति, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की भूमिका स्कूल के विकास एवं बच्चों के शैक्षिक गुणवत्ता के विकास में महत्वपूर्ण होती है। बच्चों के नामांकन से लेकर टहराव तक भौतिक संसाधन और मानवीय संसाधन का व्यवस्तीकरण करना एसएमसी और एसएमडीसी की जवाबदारी होती है।