गरियाबंद
राजिम, 3 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में राजस्थान जोधपुर से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज ने प़त्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे सनातन धर्म 500 वर्षों से संस्कार व संस्कृति की धुरी रामलला टेंट के नीचे विराजमान थे। इसका कारण है कि हमारे हिन्दुस्तान का राजा उस समय तक कोई धर्मिक अध्यात्मिक उस पद पर प्रतिष्ठित नही हुए थे। इसलिए हमारे रामलला को टेंट के नीचे बैठना पड़ा, अनेक महापुरूषों ने राम जन्मभूमि के लिए आंदोलन किया, जिसमें अनेक संतों- महंतों एवं महामंडलेश्वर ने बलिदान दिया। वो बलिदान अब 22 जनवरी को सार्थक हुआ।कौशिल्या की जन्मभूमि राम का नैनिहाल राम वनगमन मार्ग कुंभ कल्प 2024 को रामोत्सव थीम पर मनाया जा रहा है। जिससे राजिम कुंभ कल्प की भव्यता विश्व में लहराएगी। इसके लिए वर्तमान छत्तीसगढ़ शासन और राजिम कुंभ को मजबूती प्रदान करने उन्हें ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए पर्यटन धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का प्रयास सार्थक साबित हुआ है।