कांकेर
ग्रामीणों ने कलेक्टर-डीआईजी को दिया आवेदन, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 15 मार्च। तेरह मार्च की शाम लगभग 6 बजे सादा वर्दी में कांकेर से एक बोलेरो वाहन में सवार 5 से 6 पुलिस ग्राम उसेली पहुंच कर एक युवक को उठाकर अपने साथ लेजाने, उसके साथ मारपीट करने और 10 लाख रुपए मांगने अन्यथा नक्सली मामले में फंसा देने की धमकी देने का आरोप गांव वालों ने लगाया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर और डीआईजी को आवेदन देकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
आमाबेड़ा थानांतर्गत के गांव उसेली के आसपास के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या जिला मुख्यालय पहुंचे हुए थे। ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर कलेक्टर और डीआईजी को आवेदन देकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
डीआईजी कांकेर केएल धुव्र ने उनकी समस्या को सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। डीआइजी ने उन्हे बताया कि कि पुलिस गांव में जाकर मामले की जांच करेगी उन्हे यहां आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और न ही उन्हे परेशान होने की जरूरत है। आश्वाशन के बाद ग्रामीण अपने गांव लौट गए।
ग्राम पंचायत उसेली के सरपंच रामलाल सलाम ने बताया है कि 13 मार्च की शाम लगभग 6 बजे सादी वर्दी में कांकेर से एक बोलेरो वाहन में सवार 5 से 6 लोग गांव उसेली पहुंचे और गांव के बिरेंद्र जैन नाम के लडक़े को उठाकर अपने साथ ले गए। जिसकी जानकारी ना घर वालो को और ना ही गांव के किसी आदमी को इसकी जानकारी थी।
आगे बताया कि देर रात करीबन साढ़े 10 जब विरेंद्र जैन फोन कर अपने घर में जानकारी दिया की मुझे कांकेर लेकर आए पर क्यों ले कर आए है यह नहीं बताया जा रहा है। इसके बाद गांव से रात में ही 50 से 60 लोग कांकेर के लिए निकल गए। इसकी जानकारी पुलिस को होने पर पुलिस विरेंद्र जैन को बाईपास मर्दापोटी जाने वाली सडक़ पर अकेले ही छोड़ दिए। उसे पुलिस वालों ने घर से 10 लाख रुपए लेकर आने कहा था। देर रात गांव वालो ने विरेन्द्र को वहां से लेकर गांव चले गए.
पुलिस देर रात तक घुमाया मारा भी और 10 लाख का मांग भी किया
पीडि़त युवक बिरेंद्र जैन ने आरोप लगाते कहा है कि जगाड़े साहब नाम के अधिकारी के अलावा 3 से 4 लोग मुझे गांव से उठाया पर घने जंगल से होते हुए मुझे लखनपुरी, चारामा, कांकेर के बाईपास तरफ घुमाते रहे। गाली गलौज करते हुए मुझसे यह कहते हुए कि नेतागिरी कर रहा तेरा सब खुसाड़ देंगे कहते हुए मारपीट किए। जब वह इसकी जानकारी फोन से अपने परिचितों को देने लगा तो उसे देर रात बाईपास के पास छोड़ दिया गया। साथ ही 10 लाख रुपया लेकर आने कहा गया था। सुबह गांव वाले के साथ डीआईजी ऑफिस पहुंच कर आवेदन दिया और संबंधित पुलिस कर्मचारियों पर करवाई करने की की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है।