कांकेर
![मुख्य मार्गों में गड्ढे ही गड्ढे, हो रहे हादसे मुख्य मार्गों में गड्ढे ही गड्ढे, हो रहे हादसे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719593403-0078.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल,28 जून। बस्तर की एकमात्र लाइफलाइन कहलाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 30 केशकाल के सडक़ की स्थिति बारिश से पहले ही बद से बदतर होती जा रही है। हालांकि विभागीय अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक 5-7 दिनों में गड्ढों में डस्ट डाल कर गड्ढे भरे जरूर जाते हैं, लेकिन महज एक घण्टे की मूसलाधार बारिश के बाद वो डस्ट बह जाता है, सडक़ पर रह जाते हैं तो बड़े बड़े गड्ढे। यह गड्ढे इतने बड़े-बड़े हो गए हैं कि बारिश होने पर इनमें पानी भर जाता है, जिससे दुपहिया व चारपहिया वाहन चालकों को गड्ढे की गहराई का अंदाजा नहीं मिल पाता। ऐसे में आए दिन छोटी छोटी सडक़ दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।
केशकाल घाट में भी बड़े-बड़े गड्ढे, रोजाना जाम की स्थिति निर्मित
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के द्वारा केशकाल नगर और घाटी के मरम्मत के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। जानकारों की माने तो पिछले 5 वर्षों में जितनी राशि सडक़ मरम्मत के नाम पर खर्च हुई है, इतनी राशि में नवीन सडक़ का निर्माण भी हो जाता।
राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने बावजूद यह सडक़ मरम्मत ठीक से साल भर भी नहीं टिकती। हर साल बारिश आने से पहले ही केशकाल नगर और केशकाल घाटी के सडक़ की हालत जर्जर हो जाती है। जिसके कारण राहगीरों और आम जनता को धूल गड्ढे और कीचड़ युक्त सडक़ से होकर गुजरना पड़ता है।
45 करोड़ से जल्द सडक़ चौड़ीकरण- विधायक
इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ से बातचीत करते हुए केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने बताया कि केशकाल शहर की सडक़ के लिए 45 करोड़ रुपए की लागत से एक कार्ययोजना तैयार गई है, जिसमें 45 करोड़ रुपए की लागत से नगर में सडक़ का चौड़ीकरण, डिवाइडर, सडक़ के दोनों ओर नाली निर्माण, पानी के निकासी की उचित व्यवस्था की जाएगी। हमारा प्रयास यह भी है कि केशकाल घाट व नगर की सडक़ के देखरेख की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी जाएगी।