धमतरी
![नये कानून पर थाने में परिचर्चा, पुलिस अफसरों ने दिए जवाब नये कानून पर थाने में परिचर्चा, पुलिस अफसरों ने दिए जवाब](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719840247917.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 1 जुलाई। केन्द्र सरकार ने आज से देशभर में भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को लागू किया है। इस संबंध में एसडीओपी रागिनी मिश्रा ने जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं मीडिया जगत से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर नये कानून की बारिकियां समझाते हूं इसे जनसामान्य के बीच पहुंचाने का आग्रह किया।
सोमवार को कुरूद थाना में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी ने बताया कि नये प्रावधान के तहत भारतीय दण्ड संहिता की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएँ हैं तथा 23 अध्याय के स्थान पर 20 अध्याय हैं। औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव नागरिक केन्द्रित एवं कल्याणकारी अवधारणा,प्राथमिकता का निर्धारण, महिला सुरक्षा एवं न्याय,आतंकवाद, संगठित अपराध एवं भारत की सम्प्रभुता, एकता एवं अखण्डता के विरूद्ध अपराध पीडि़त केन्द्रित कानूनी प्रावधान अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित 190 से अधिक छोटे एवं बड़े बदलाव किए गए हैं। श्रीमती मिश्रा ने कहा कि नये कानून में कुल 20 नये अपराध जोड़े गए हैं। साथ ही 19 प्रावधान हटाये गए (08 अपराधों सहित)। कुल 41 अपराधों में सजा बढ़ाई गई। 83 अपराधों में अर्थदण्ड/जुर्माने की सजा बढ़ाई गई। कुल 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान। 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ाई गई।
कुल 06 अपराधों में सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की अवधारणा को शामिल किया गया है। इसके अलावा टीआई अरुण साहू ने भी इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष भानु चंद्राकर, पूर्व मंडी अध्यक्ष नीलम चंद्राकर, भाजपा नेता भूपेंद्र चंद्राकर, कृष्णकांत साहू, पार्षद उत्तम साहू, रोशन जांगड़े, थनेश्वर तारक, पत्रकार एवं गणमान्य नागरिकों ने भी कानून से जुड़ी जिज्ञासा संबंधी सवाल पूछे, जिनका जवाब पुलिस अधिकारी ने दिया।